Wednesday, November 18, 2009

करकरे की पत्नी ने उठाए राज्य सरकार पर सवाल

मुंबई में हुए 26 /11 के आतंकवादी हमलों में शहीद हुए एंटी टेररिस्ट स्क्वॉड (एटीएस) प्रमुख हेमंत करकरे की पत्नी कविता करकरे का मानना है कि अगर देश में एटीएस का प्रमुख ही सुरक्षित नहीं है, तो आम आदमी के लिए कोई सुरक्षा नहीं है। कविता ने राज्य सरकार पर सवाल उठाते हुए कहा कि 26 /11 को मारे गए मेरे पति और दो अन्य सीनियर अफसरों को वक्त रहते मदद क्यों नहीं दी गई। इस तरह दिवंगत अफसर के परिवार ने पहली बार माना कि उन्हें जरूरत के वक्त मदद नहीं मिली थी। कविता ने कहा कि पहले छह महीने के दौरान मुझे कुछ पता नहीं चला। राजनेता, मीडिया के लोग और अन्य लोग मेरे पास आए, लेकिन मुझे पता नहीं चला कि क्या चल रहा है। आज तक किसी सीनियर अफसर ने मुझे नहीं बताया कि मेरे पति के साथ क्या हुआ। मैंने सिर्फ मीडिया के लोगों, मैगजीनों और अखबारों से जानकारी हासिल की। लेकिन जब राजनीतिज्ञों ने सवाल उठाना शुरू किया कि उन्होंने जल्दबाजी में काम किया तो हमने घटना के बारे में तथ्य जुटाने शुरू किए। हमें पता चला कि काम्टे, करकरे, सालस्कर कामा हॉस्पिटल में 40 मिनट तक रणनीति बनाते रहे। लेकिन 40 मिनट में उनके पास मदद क्यों नहीं पहुंची, इसका जवाब मुझे कोई नहीं दे रहा। कविता ने आरोप लगाया कि हेमंत करकरे को 40 मिनट से ज्यादा समय तक घायल स्थिति में छोड़ दिया गया और उन्हें अस्पताल नहीं ले जाया गया। कुछ दिन पहले कविता ने आरोप लगाया था कि मेरे पति का बुलेटप्रूफ जैकिट गायब हो गया है। पुलिस फोर्स में भ्रष्टाचार के विषय पर आधारित एक म्यूजिक विडियो जारी करने के मौके पर कविता ने सवालिया अंदाज में कहा कि यह इतना हास्यास्पद है कि एटीएस प्रमुख सुरक्षित नहीं है और इस तरह मारा जाता है। ऐसे में इस देश में आम आदमी कैसे खुद को सुरक्षित महसूस करेगा। 'यही सच है' शीर्षक वाले ऐल्बम का डाइरेक्शन और निर्माण पूर्व आईपीएस अधिकारी वाई. पी. सिंह व उनकी पत्नी आभा ने किया है। आंखों में आंसू लिए कविता ने कहा कि मैं यह नहीं समझ पा रही हूं कि हमारी सुरक्षा व्यवस्था में क्या गड़बड़ है। अडिश्नल पुलिस कमिश्नर अशोक काम्टे के माता-पिता भी इस मौके पर मौजूद थे। वह भी 26 नवंबर को ड्यूटी पर आतंकवादियों का मुकाबला करते शहीद हो गए थे। लेकिन उनके माता-पिता ने कुछ भी कहने से इनकार कर दिया।

1 comment:

Unknown said...

hemant karkare,ashok kamte and vijaysalaskar in tino sahido par jis tarse rajniti horahi hai vo bahot hi dukha ki bat hai.26/11 ki tar ko hame ye neta log bachane nahi aye the.lekin ha aur hamre desh ko aur mumbai ko bachane ke liye ye tino officer hi sabse age aye the.hame bachane ke liye aur hamre desh ko bacha ne ke liye inhone apne apko vatan par kurban kar diya.hame garve hona chahiye ki hamari sursha ke liye ase bahadur police officer hai.karkare,kamteaur salaskar ye tino apne aa mehi bahot mahan hai.inho ne apne apne dipartment main bahot hi achi sevadi hai.hame koi haq nahi hai inke ayr inke parivar kebar me kucha bhi galt kahne ka.meri sabhi bharat vasi yo se ye gujarish hai ki plaece agar aap in tino ke bare mai acha nahi shoch sakte to bhura bhi mat socho. jay hind.