मुंबई। महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में कांग्रेस और एनसीपी गठबंधन ने जीत तो दर्ज कर ली। लेकिन, मंत्रिमंडल में मलाईदार पदों को लेकर दोनों के बीच खींचतान चरम पर पहुंच गई है। मौजूदा विधानसभा का कार्यकाल 3 नवंबर को खत्म हो रहा है। फिर भी गठबंधन अभी तक नई सरकार बनाने का दावा पेश नहीं कर पाया है। सरकार बनाने का दावा आज पेश करना ही होगा।
चव्हाण करते रहे इंतजारमुख्यमंत्री अशोक चव्हाण अपनी दूसरी पारी खेलने की तैयारी कर चुके हैं। लेकिन, जो कुछ हो रहा है, उससे उनकी राह आसान नहीं दिख रही है। कल रात वे मंत्रालय को लेकर सबकुछ साफ करने की तैयारी में थे। लेकिन, एनसीपी वाले मूड में नहीं थे। चव्हाण अपने बंगले पर इंतजार करते रहे। एनसीपी के नेता पहुंचे ही नहीं।
नई सरकार में किसके खाते में कितनी और कौन सी कुर्सी जाएगी इस बात का फैसला फिर टल गया। मंत्रिमंडल के बंटवारे को लेकर मुख्यमंत्री के बंगले वारशा में कांग्रेस और एनसीपी के नेताओं की बैठक होनी थी। लेकिन, एनसीपी नेता छगन भुजबल नहीं आए। सूत्रों का कहना है कि मंत्रिमंडल को लेकर एनसीपी के भीतर ही मतभेद है।
चव्हाण करते रहे इंतजारमुख्यमंत्री अशोक चव्हाण अपनी दूसरी पारी खेलने की तैयारी कर चुके हैं। लेकिन, जो कुछ हो रहा है, उससे उनकी राह आसान नहीं दिख रही है। कल रात वे मंत्रालय को लेकर सबकुछ साफ करने की तैयारी में थे। लेकिन, एनसीपी वाले मूड में नहीं थे। चव्हाण अपने बंगले पर इंतजार करते रहे। एनसीपी के नेता पहुंचे ही नहीं।
नई सरकार में किसके खाते में कितनी और कौन सी कुर्सी जाएगी इस बात का फैसला फिर टल गया। मंत्रिमंडल के बंटवारे को लेकर मुख्यमंत्री के बंगले वारशा में कांग्रेस और एनसीपी के नेताओं की बैठक होनी थी। लेकिन, एनसीपी नेता छगन भुजबल नहीं आए। सूत्रों का कहना है कि मंत्रिमंडल को लेकर एनसीपी के भीतर ही मतभेद है।
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