लखनऊ। उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह ने रविवार को समाजवादी पार्टी अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव को धोखेबाज करार देते हुए उनसे दोस्ती को अपनी बडी राजनीतिक भूल बताया है। साथ ही यह भी कहा कि उन्होंने भाजपा में वापसी का विकल्प खुला रखा है।
कल्याण सिंह के बेटे राजवीर सिंह ने सपा छोडने की घोषणा करते हुए कहा कि जिस दल में मेरे पिता का अपमान हो उसमें रहने का कोई औचित्य नहीं है। कल्याण सिंह ने रविवार को संवाददाता सम्मेलन में मुलायम पर पलटवार करते हुए कह कि धोखा देना मुलायम सिंह की पुरानी फितरत है। हाल के विधानसभा उपचुनाव के बाद उन्होंने अपना मानसिक संतुलन खो दिया है।
मुलायम ने ही मुझे सपा में शामिल होने का निमंत्रण दिया था, मैं कभी उनके दरवाजे पर नहीं गया। उल्लेखनीय है कि एक दिन पहले ही मुलायम ने कहा था कि कल्याण çंसंह को सपा न कभी थे और न होंगे। कल्याण ने माना कि भाजपा छोडना उनके राजनीतिक जीवन की पहली तथा सपा अध्यक्ष का साथ देना दूसरी बडी गलती थी।
भाजपा छोडना उस वक्त की सच्चाई थी और अब उसमें शामिल होने की पहल करना आज की सच्चाई है। उन्होंने भाजपा में जाने का विकल्प खुला रखा है। हालांकि अभी इस बारे में न तो फैसला लिया है और न ही किसी भाजपा नेता से बात हुई है लेकिन समर्थकों से विचार विमर्श के बाद जल्द ही निर्णय करेंगे। उल्लेखनीय है कि लोकसभा की बुलंदशहर सीट से अशोक प्रधान को उम्मीदवार बनाने के विरोध में सिंह ने भाजपा से त्यागपत्र दिया था।
कल्याण सिंह के बेटे राजवीर सिंह ने सपा छोडने की घोषणा करते हुए कहा कि जिस दल में मेरे पिता का अपमान हो उसमें रहने का कोई औचित्य नहीं है। कल्याण सिंह ने रविवार को संवाददाता सम्मेलन में मुलायम पर पलटवार करते हुए कह कि धोखा देना मुलायम सिंह की पुरानी फितरत है। हाल के विधानसभा उपचुनाव के बाद उन्होंने अपना मानसिक संतुलन खो दिया है।
मुलायम ने ही मुझे सपा में शामिल होने का निमंत्रण दिया था, मैं कभी उनके दरवाजे पर नहीं गया। उल्लेखनीय है कि एक दिन पहले ही मुलायम ने कहा था कि कल्याण çंसंह को सपा न कभी थे और न होंगे। कल्याण ने माना कि भाजपा छोडना उनके राजनीतिक जीवन की पहली तथा सपा अध्यक्ष का साथ देना दूसरी बडी गलती थी।
भाजपा छोडना उस वक्त की सच्चाई थी और अब उसमें शामिल होने की पहल करना आज की सच्चाई है। उन्होंने भाजपा में जाने का विकल्प खुला रखा है। हालांकि अभी इस बारे में न तो फैसला लिया है और न ही किसी भाजपा नेता से बात हुई है लेकिन समर्थकों से विचार विमर्श के बाद जल्द ही निर्णय करेंगे। उल्लेखनीय है कि लोकसभा की बुलंदशहर सीट से अशोक प्रधान को उम्मीदवार बनाने के विरोध में सिंह ने भाजपा से त्यागपत्र दिया था।
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