लिबरहान आयोग की रिपोर्ट भले सार्वजनिक हो गई हो, पर उसे 'लीक' किए
जाने का मुद्दा अब भी कायम है। संसद में रिपोर्ट पेश करने के बाद बुधवार को गृह मंत्रालय ने एक बार फिर यह कहा कि रिपोर्ट हमारी ओर से लीक नहीं की गई। गृह मंत्रालय ने बुधवार को बयान जारी किया। इसमें एक महिला पत्रकार के बयान का उल्लेख है। गृह मंत्रालय के मुताबिक, एक टीवी चैनल से जुड़ी इस महिला पत्रकार ने स्पष्ट शब्दों में कहा है कि हम अपने सोर्स के बारे में तो नहीं बताएंगे, हां हम इतना जरूर कहेंगे कि लिबरहान आयोग की रिपोर्ट हमें गृह मंत्रालय से नहीं मिली थी। हमने इस 'लीक' के लिए गृह मंत्रालय में किसी को भी जिम्मेदार नहीं बताया है। गृह मंत्रालय का कहना है कि महिला पत्रकार की यह स्वीकारोक्ति बीजेपी के उन नेताओं के आरोपों का स्पष्ट जवाब है जो यह कह रहे हैं कि लिबरहान आयोग की रिपोर्ट गृह मंत्री या उनके मंत्रालय की ओर से लीक की गई है। इस बयान से एक बार फिर आयोग के अध्यक्ष जस्टिस मनमोहन सिंह लिबरहान कटघरे में हैं। गृह मंत्री पी. चिदंबरम पहले ही संसद में यह कह चुके हैं कि इस रिपोर्ट की एक कॉपी आयोग के पास थी और एक गृह मंत्रालय के पास। गृह मंत्रालय की कॉपी पूरी तरह सुरक्षित थी। उन्होंने यह भी कहा था कि मैं इतना मूर्ख नहीं हूं कि खुद रिपोर्ट को लीक करूं और शर्मशार होऊं । उधर, जस्टिस लिबरहान ने भी यह कहा था कि मैं चरित्रहीन नहीं हूं। मैने रिपोर्ट नहीं लीक की है। गृह मंत्रालय के इस बयान के साथ ही 'लीक' का जिन्न फिर सिर उठाता नजर आ रहा है, क्योंकि भले ही गृह मंत्रालय किसी की ओर इशारा नहीं कर रहा हो, पर इतना साफ है कि गेंद एक बार फिर जस्टिस लिबरहान के पाले में डाल दी गई है। महिला पत्रकार के बयान का सहारा ले रहा गृह मंत्रालय कम से कम पूर्व न्यायाधीश पर विश्वास करता नजर नहीं आ रहा है।
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