सचिन तेंडुलकर को बाल ठाकरे की फटकार पड़ी तो पूरा देश एकजुट होकर सचिन के साथ खड़ा हो गया है। सचिन ने कहा था कि मैं मराठी हूं लेकिन पहले भारतीय हूं और मुंबई पूरे भारत की है। इस पर शिव सेना के अखबार सामना में बाल ठाकरे ने सचिन पर बाउंसरों की बरसात करते हुए कहा कि सचिन राजनीति में न घुसें, अपने खेल पर ध्यान दें। सचिन ने यह बयान देकर मराठी भावनाओं को ठेस पहुंचाई है। इस महान खिलाड़ी को कठघरे में खड़ा करने के ठाकरे के बयान पर न सिर्फ बीसीसीआई बल्कि हर पार्टी और हर तबके के लोग एकजुट हो गए हैं। यहां तक कि शिव सेना की साथी पार्टी बीजेपी भी इस मसले पर बाल ठाकरे के खिलाफ नजर आ रही है। चारों तरफ से आलोचनाओं की बौछार देख शिव सेना के एक नेता सुभाष देसाई को सफाई देने के लिए आगे आना पड़ा। उन्होंने कहा कि यह सचिन की आलोचना नहीं, एक बुजुर्ग की सलाह थी। सचिन को हर मुद्दे पर बोलने का हक है। ठाकरे ने सामना में कहा - ऐसा बयान देकर फालतू रन लेने की जरूरत नहीं थी उन्हें (सचिन को)। तुम ऐसा बयान देकर मराठियों के दिलोदिमाग की पिच से रन आउट हो गए हो। तुम तो तब पैदा भी नहीं हुए थे, जब मुंबई के लिए 105 मराठियों ने बलिदान देकर मुंबई को पाया था। ठाकरे यहीं नहीं रुके। बाउंसर फेंका - सचिन क्रीज छोड़कर पॉलिटिक्स की पिच में घुस गए हैं, जिससे मराठियों का दिल दुखा है। 'सामना' के इग्जेक्यूटिव एडिटर संजय राउत और शिव सेना कार्यकर्ता राहुल नवलकर का कहना था कि तेंडुलकर को ऐसा बयान देने से पहले मराठियों की भावनाओं का खयाल करना चाहिए था। ठाकरे के इस बयान पर सबसे पहला रिएक्शन आया बीसीसीआई की ओर से। प्रवक्ता राजीव शुक्ला ने नई दिल्ली में कहा कि यही भाषा मोहम्मद अली जिन्ना बोलते थे। शिव सेना और राज ठाकरे की पार्टी के नेताओं को छोड़कर पूरा महाराष्ट्र और पूरा भारत सचिन के साथ हैं। शिव सेना को यह बयान नहीं देना चाहिए था। सचिन नैशनलिस्ट हैं। वह मराठी हैं, वह भारतीय हैं। अगर कोई खुद को इंडियन कहता है तो यह क्राइम है क्या? अगर ठाकरे ऐसी बात करेंगे तो शिव सेना को कोई सपोर्ट नहीं करेगा। कुछ वोट पाने के लिए लोगों की भावनाएं भड़का रहे हैं। ऐसे लोगों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए। बाल ठाकरे के बयान पर हर पार्टी की ओर से रिएक्शन आए। कांग्रेस, एनसीपी के अलावा उसकी साथी पार्टी बीजेपी ने तक सचिन के खिलाफ इस बयान की आलोचना की। महाराष्ट्र के सीएम अशोक चव्हाण ने कहा कि सचिन का बयान सच्ची खेल भावना का प्रतीक है। हालांकि वह मराठी हैं, लेकिन पूरे देश के लिए खेलते हैं। उनके बयान से देश एक होगा। शिव सेना के राजनीतिक खेल को लोग समझ जाएंगे। बीजेपी की ओर से मुख्तार अब्बास नकवी और अरुण जेटली के बयान आए। आरजेडी नेता लालू प्रसाद यादव और लेफ्ट के नेता भी बाल ठाकरे पर जमकर बरसे। गौरतलब है कि शिव सेना और एमएनएस अक्सर मराठी मानूस का कार्ड खेल चुके हैं। उत्तर भारतीयों के खिलाफ कैम्पेन में राज ठाकरे की पार्टी काफी आगे है। बाल ठाकरे के बयान पर बरसे नेता क्रिकेट के भगवान माने जाने वाले सचिन का बयान कि 'मुंबई सबके लिए है' शिवसेना सुप्रीमो बाल ठाकरे को नागवार गुजरा। ठाकरे ने उन्हें 'राजनीति की पिच पर उतरने की बजाय खेल पर ध्यान देने' की नसीहत दे डाली। लेकिन ठाकरे की इस बिन मांगे दी गई सलाह की देश के हर हिस्से और तबके में आलोचना हुई। इनमें से कुछ चुनिंदा प्रतिक्रियाएं हैं: सचिन का बयान सच्ची खेल भावना का प्रतीक है। हालांकि वह एक मराठी हैं लेकिन पूरे देश के लिए खेलते हैं। उनके बयान से देश एक होगा। मैं उनसे पूरी तरह सहमत हूं। लोग शिवसेना के राजनैतिक खेल को समझ जाएंगे। - अशोक चव्हाण, सीएम महाराष्ट्र सचिन का बयान उनकी देशभक्ति का प्रतीक है। कोई भी जिम्मेदार देशभक्त उनकी बात का विरोध नहीं कर सकता क्योंकि सबसे पहले देश और उसके बाद राज्य या क्षेत्र आता है और सबसे आखिर में व्यक्ति खुद होता है। सचिन के बयान पर कोई विवाद ठीक नहीं है। - मुख्तार अब्बास नकवी, बीजेपी नेता सचिन ने एक बहुत ही सरल बयान दिया है। कोई भी भारतीय यही कहेगा। सभी जानते हैं कि सचिन मराठी हैं। सचिन को इस पचड़े में मत डालो। सचिन ने देश के लिए काफी कुछ किया है। वह देश के महानतम दूतों में से एक है। - किरण मोरे, चयन समिति के पूर्व अध्यक्ष
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