जयपुर। विभिन्न समस्याओं को लेकर एनएसयूआई के छात्रों मंगलवार को राजस्थान विश्वविद्यालय के प्रशासनिक भवन में जमकर हंगामा किया। आक्रोशित छात्रों ने प्रशासनिक भवन का ताला तोड दिया। इसके बाद छात्र सीधे परीक्षा नियंत्रक एन.एन.गुप्ता के कमरे में जा घुसे और उनका घेराव किया।
छात्र परीक्षा नियंत्रक के सामने रखी टेबल पर चढ गए और अपनी मांगे पूरी करने के लिए दबाव बनाने लगे। प्रदर्शन के दौरान छात्रों ने टेबिल का शीशा भी फोड दिया।
हंगामे की जडराजस्थान विश्वविद्यालय के प्रशासनिक भवन का द्वार सुबह 11 बजे से दोपहर 2 बजे तक बंद रखे जाने, बीएड के प्रवेश पत्र से वंचित छात्राओं को प्रवेशपत्र दिए जाने, आरएल (परिणाम बाद में) को शीघ्र निपटाने सहित छात्रों से जुडी अन्य मांगे प्रदर्शन का मुख्य कारण रहीं।
दो बजे के बाद नहीं मिलते कर्मचारीएनएसयूआई के विश्वविद्यालय इकाई अध्यक्ष मुकेश भाखर व छात्र नेता राजेंद्र तिवाडी ने बताया कि पिछले तीन दिनों से प्रशासनिक भवन का द्वार सुबह 11 बजे से दोपहर 2 बजे तक बंद रहता है, जिससे विद्यार्थियों को परेशानी होती है। छात्र नेता अजय मीणा ने आरोप लगाया कि कर्मचारी 2 बजे के बाद प्रशासनिक भवन में कर्मचारी ही नहीं मिलते, जिससे विद्यार्थियों को निराश होकर लौटना पडता है।
छात्राएं भी पीछे नहींप्रदर्शन के दौरान जमवारामगढ के लक्ष्मीबाई टीटी कॉलेज की करीब आधा दर्जन छात्राएं भी आ गईं और उन्होंने भी परीक्षा नियंत्रक को प्रवेश पत्र जारी करने के लिए कहा। छात्राओं का कहना था कि उनकी उपस्थिति पूरी होने के बाद भी विश्वविद्यालय ने उन्हें प्रवेशपत्र जारी नहीं किए हैं। बाद में छात्राओं को विश्वविद्यालय ने प्रवेश पत्र जारी कर दिए।
इस्तीफे की मांगमांगें नहीं माने जाने पर छात्रों ने परीक्षा नियंत्रक से इस्तीफा देने की मांग की। बाद में पुलिस प्रशासन की समझायश के बाद मामला शांत हुआ। जिन छात्राओं को बीएड की परीक्षा के प्रवेशपत्र नहीं मिले हैं उन्हें विश्वविद्यालय अंडरटेकिंग दिलवाकर परीक्षा दिलवाएगा।
इन परीक्षार्थियों से हम शपथ पत्र भरवा रहे हैं। यदि इनकी उपस्थिति कम है तो इन्हें कोर्ट का निर्णय मानना पडेगा। प्रशासनिक भवन का द्वार बंद नहीं होगा। गोपनीय शाखा में प्रवेश बंद रखा जाएगा।एम.एस. पूनिया, चीफ प्रॉक्टर, राजस्थान विश्वविद्यालय
छात्र परीक्षा नियंत्रक के सामने रखी टेबल पर चढ गए और अपनी मांगे पूरी करने के लिए दबाव बनाने लगे। प्रदर्शन के दौरान छात्रों ने टेबिल का शीशा भी फोड दिया।
हंगामे की जडराजस्थान विश्वविद्यालय के प्रशासनिक भवन का द्वार सुबह 11 बजे से दोपहर 2 बजे तक बंद रखे जाने, बीएड के प्रवेश पत्र से वंचित छात्राओं को प्रवेशपत्र दिए जाने, आरएल (परिणाम बाद में) को शीघ्र निपटाने सहित छात्रों से जुडी अन्य मांगे प्रदर्शन का मुख्य कारण रहीं।
दो बजे के बाद नहीं मिलते कर्मचारीएनएसयूआई के विश्वविद्यालय इकाई अध्यक्ष मुकेश भाखर व छात्र नेता राजेंद्र तिवाडी ने बताया कि पिछले तीन दिनों से प्रशासनिक भवन का द्वार सुबह 11 बजे से दोपहर 2 बजे तक बंद रहता है, जिससे विद्यार्थियों को परेशानी होती है। छात्र नेता अजय मीणा ने आरोप लगाया कि कर्मचारी 2 बजे के बाद प्रशासनिक भवन में कर्मचारी ही नहीं मिलते, जिससे विद्यार्थियों को निराश होकर लौटना पडता है।
छात्राएं भी पीछे नहींप्रदर्शन के दौरान जमवारामगढ के लक्ष्मीबाई टीटी कॉलेज की करीब आधा दर्जन छात्राएं भी आ गईं और उन्होंने भी परीक्षा नियंत्रक को प्रवेश पत्र जारी करने के लिए कहा। छात्राओं का कहना था कि उनकी उपस्थिति पूरी होने के बाद भी विश्वविद्यालय ने उन्हें प्रवेशपत्र जारी नहीं किए हैं। बाद में छात्राओं को विश्वविद्यालय ने प्रवेश पत्र जारी कर दिए।
इस्तीफे की मांगमांगें नहीं माने जाने पर छात्रों ने परीक्षा नियंत्रक से इस्तीफा देने की मांग की। बाद में पुलिस प्रशासन की समझायश के बाद मामला शांत हुआ। जिन छात्राओं को बीएड की परीक्षा के प्रवेशपत्र नहीं मिले हैं उन्हें विश्वविद्यालय अंडरटेकिंग दिलवाकर परीक्षा दिलवाएगा।
इन परीक्षार्थियों से हम शपथ पत्र भरवा रहे हैं। यदि इनकी उपस्थिति कम है तो इन्हें कोर्ट का निर्णय मानना पडेगा। प्रशासनिक भवन का द्वार बंद नहीं होगा। गोपनीय शाखा में प्रवेश बंद रखा जाएगा।एम.एस. पूनिया, चीफ प्रॉक्टर, राजस्थान विश्वविद्यालय
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