Sunday, September 13, 2009

तीन विधायक आए, शेष का फोन पर समर्थन

उदयपुर। चुनावी घोषणा पत्रों में हाईकोर्ट बैंच को उदयपुर लाने का दावा करने वाले जनप्रतिनिघि कितने आमजन व वकीलो के साथ है इसका उदाहरण रविवार को बार सभागार मे आयोजित जनप्रतिनिघियों की बैठक में देखने को मिला।
बार सभागार में सुबह 11 से शाम 4 बजे तक चली बैठक में महज तीन विधायक ही समर्थन देने वकीलों के बीच आए। वकीलों ने लगातार तीन दिन तक उदयपुर व राजसंमद के 11 विधायकों व तीन सांसदों को सूचना भेजकर बार- बार आग्रह किया था।
ये जनप्रतिनिघि पहुंचेबैठक में रविवार को पूर्व गृहमंत्री व नगर विधायक गुलाबचंद कटारिया महज दस मिनट के लिए आए और समर्थन देकर डूंगरपुर प्रस्थान कर गए। ग्रामीण विधायक सज्जन कटारा अलग- अलग वकीलों द्वारा कई बार फोन पर मनुहार करने के बाद दोपहर में पहुंची। मावली विधायक पुष्कर डांगी ने भी तीन बजे बैठक में आकर समर्थन जताया।
लिखित व फोन पर सहमति सांसद रघुवीर मीणा व राजसमंद सांसद गोपाल सिंह शेखावत ने लिखित सहमति बार एसोसिएशन को प्रेषित कर भिजवाई। कुंभलगढ विधाायक गणेशसिंह परमार, खेरवाडा विधायक दयाराम परमार, राजसमंद विधायक किरण माहेश्वरी, भीम विधायक हरिसिंह रावत, नाथद्वारा विधायक कल्याणसिंह चौहान, फलासिया विधायक बाबूलाल खराडी ने बैठक के दौरान फोन पर समर्थन व्यक्त कर इस मांग के समर्थन में मुख्यमंत्री व केन्द्रीय सरकार से वार्ता कर समाधान करने का आश्वासन दिया।
'फैसले पर पुन: विचार करें'बैठक में उपस्थित वकीलों ने आगामी आंदोलन को तय करते हुए चर्चाएं की। इनमें आत्मदाह की घोषणा करने वाले विरेन्द्र सिंह सोलंकी से अपील की गई कि वे इस पर पुन: विचार करें क्योंकि अभी ऎसा समय नहीं आया है। राजसमंद बार अध्यक्ष यशवंत शर्मा, संघर्ष समिति के सदस्य कन्हैयालाल श्रीमाली, बार कौन्सिल के पूर्व चेयरमैन व वर्तमान सदस्य सुरेश श्रीमाली, राजसमंद के सहसचिव दीपक पालीवाल, उदयपुर बार अध्यक्ष त्रिभुवननाथ पुरोहित, हीरालाल कटारिया, भगवत सिंह देवपुरा, अरूण व्यास, रमेश नंदवाना, राव रतनसिंह आदि मौजूद थे।
राजसिंह डूंगरपुर के असामयिक निधन के कारण कई विधायक इसलिए नहीं आ पाए कि वे उनकी अंत्येष्टि में निकल गए। जयकृष्ण दवे हाईकोर्ट संघर्ष समिति संयोजक

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