Thursday, September 17, 2009

सरकार की नियमन की मंशा

जयपुर। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि सरकार पृथ्वीराज नगर का नियमन करने के पक्ष में है, ताकि इस समस्या का स्थायी समाधान हो सके। हालांकि उन्होंने स्पष्ट किया कि सरकार हाईकोर्ट के निर्देशों की पूरी तरह पालना करेगी। मुख्यमंत्री ने गुरूवार को संवाददाताओं से अनौपचारिक वार्ता में कहा कि पृथ्वीराज नगर को लेकर सरकार की मंशा साफ है। उनकी सरकार ने इस समस्या का स्थायी समाधान करने के लिए ही वर्ष 2003 में पृथ्वीराज नगर को अवाप्ति से मुक्त किया था।
सरकार चाहती है क्षेत्र का योजनाबद्ध तरीके से विकास हो। सडकें बनें, बिजली और पानी के कनेक्शन मिलें। ये ढंग से नियमन होने के बाद ही सम्भव है। गहलोत ने कहा कि हाईकोर्ट की मंशा यह है कि पृथ्वीराज नगर में अवैध निर्माण नहीं हो, इसके चलते ही जेडीए तोड-फोड की कार्रवाई कर रहा है।
सरकार अदालत में रखेगी पक्षमुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार चाहती है नियमन जल्दी हो, इसके लिए अगली तारीख पर सरकार हाईकोर्ट में अपना पक्ष रखेगी। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि पृथ्वीराज नगर की समस्या के समाधान के लिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता में बनी कमेटी काम कर रही है। इस मामले में हाईकोर्ट का फैसला आते ही सरकार कार्रवाई शुरू कर देगी। उन्होंने अपने पिछले कार्यकाल में लालकोठी योजना की चालीस साल पुरानी समस्या का समाधान किया था।
हडताल से काम अधिक कर दिल जीते-गहलोत मुख्यमंत्री ने कहा कि रेजीडेण्ट डॉक्टरों की हडताल के कारण जनता को परेशानी हो रही है। सुप्रीम कोर्ट भी कह चुका है कि हडताल नहीं होनी चाहिए। रेजीडेण्ट को अपनी मांगे मनवाने के लिए हडताल की बजाय एक-दो घण्टे काम अधिक करके दिल जीतने का प्रयास करना चाहिए। उन्होंने कहा कि राज्य में रेजीडेण्ट डॉक्टरों की स्थिति अन्य राज्यों से बेहतर है। वे हडताल की बजाय अधिक काम करके दिल जीतने का प्रयास करेंगे तो सरकार उनकी मांगों को लेकर अधिक गम्भीर होगी।
थरूर माफी मांगें इस्तीफा दें-सीएममुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने विदेश राज्यमंत्री शशि थरूर के इकोनॉमी क्लास को 'मवेशियों की क्लास' बताने को दुर्भाग्यपूर्ण बताया। उन्होंने कहा कि थरूर को इस्तीफा देकर अपने बयान के लिए देश के सामने माफी मांगनी चाहिए। गहलोत ने मुख्यमंत्री आवास पर गुरूवार शाम को आयोजित रोजा इफ्तार पार्टी के बाद संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि विदेश राज्यमंत्री के रूप में विश्व के सामने देश का प्रतिनिधित्व करने वाले थरूर का ऎसा बयान दुर्भाग्यपूर्ण है। ऎसे बयान का खण्डन होना चाहिए। गरिमापूर्ण पद पर बैठे व्यक्ति को कुछ बोलने से पहले सोचना चाहिए।

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