फाइनैंस मिनिस्टर प्रणब मुखर्जी ने मंगलवार को अपनी ही सरकार के दो मंत्रियों को आड़े हाथों लेते हुए उन्हें होटेल के बजाए सरकारी घर में रहने को कहा है। गौरतलब है कि विदेश मंत्रालय को दोनों मिनस्टर यानी विदेश मंत्री एम.एस. कृष्णा और राज्यमंत्री शशि थरूर के पिछले तीन महीनों से आवंटित सरकारी घर छोड़कर फाइव स्टार होटेल में रह रहे थे। दोनो मंत्री दिल्ली के टॉप पंचसितारा होटेल के लाखों के किराए वाले सुइट्स में रह रहे हैं, लेकिन अभी यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि होटेल का खर्चा सरकार उठा रही है या नहीं। विदेश मंत्री एस.एम. कृष्णा फाइव स्टार होटेल मौर्याके प्रेजिडेंशयल सूइट में रह रहे हैं, जिसका प्रतिदिन का किराया 1 लाख है, जबकि उनके जूनिअर राज्य विदेश मंत्री शशि थरूर ताज होटेल में रह रहे हैं, जिसका प्रतिदिन का किराया 40,000 रुपए है। हालांकि होटेल सूत्रों ने किराए की राशि बताने से इनकार किया है और कहा है कि रेंट पर काफी नेगोशिएशन हो जाता है। कई टीवी चैनलों का है कि दोनों मंत्री सरकारी खर्चे पर रह रहे हैं, वहीं इस मामले पर वित्तमंत्री का बयान भी कहीं न कहीं दाल में कुछ काला होने का शक पैद करता है।
मंदी और सूखे की मार झेल रहे देश में जब मिनिस्टर्स के होटेलों में रहने की खबर मीडिया में आई, तो इस खबर पर खूब हंगामा मचा, जिसके चलते प्रणब मुखर्जी को यह कदम उठाना पड़ा। उन्होंने दोनों मंत्रियों को स्पष्ट तौर पर कहा है कि वे अब होटेल छोड़ सरकारी घर में ही रहे। प्रणब के बयान के बाद, इस मुद्दे पर विदेश राज्य मंत्री शशि थरूर ने कहा कि मैं ऐसी खबर को कोई महत्व नहीं देता हूं। ये जनता का पैसा नहीं है मैंने अपनी जेब से पैसा भरा है। वैसे यहां गौर करने वाली बात यह है कि चुनाव के दौरान थरूर ने अपनी घोषित संपत्ति में सिर्फ 12000 रुपए नगद की राशि दिखाई है। साथ ही बैंक में उन्होंने करीब 25 लाख रुपए, करीब 2 लाख पाउंड, 42 लाख दिनार और 16 लाख अमेरिकी डॉलर की राशि दर्शायी थी।
लेह इलाके में बढ़ती चीनी घुसपैठ की खबरों के बीच सेना और विदेश मंत्रालय में मतभेद साफ नजर आ रहा है। दरअसल, सेना के अधिकारियों ने यह माना था कि चीनी सैनिक भारतीय सीमा में घुसे थे और यह उनके लिए एक मुद्दा है जिसपर वे चीनी अधिकारियों के साथ बातचीत करेंगे। लेकिन, विदेश मंत्रालय ने इसके उलट यह कहा कि यह कोई मुद्दा नहीं है और भारत और चीन के बीच की सीमा 'सबसे शांतिपूर्ण' है। विदेश मंत्री एस. एम. कृष्णा ने कहा कि इस मसले पर (घुसपैठ) भारत और चीन के बीच एक मानक प्रक्रिया है। कृष्णा ने कहा, 'मैं यह ऑन द रेकॉर्ड कह सकता हूं कि दूसरे पड़ोसी देशों के बनिस्बत भारत और चीन की सीमा सबसे शांतिपूर्ण है। इस मुद्दे पर कोई समस्या नहीं है'। यह उन्होंने तब कहा जब पत्रकारों ने उनसे चीन की तथाकथित घुसपैठ (हेलीकॉप्टर और लेह में अंतरराष्ट्रीय सीमा का उल्लंघन) के बारे में पूछा।
जबकि, जम्मू-कश्मीर से आ रही खबरों के मुताबिक चीनी सैनिकों ने लेह में अंतरराष्ट्रीय सीमा का उल्लंघन किया और भारतीय सीमा में कुछ चरवाहों को भी धमकाया। इस मसले पर भारत का रुख अभी तक बेहद संतुलित रहा है और भारत का यह मानना है कि चीन के साथ वास्तवित नियंत्रण रेखा (Line of Actual Control - LAC) ठीक से परिभाषित नहीं है और सीमा को लेकर चीन, भारत की समझ से इत्तफाक नहीं रखता। विदेश मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि भारत ने पेइचिंग से LAC के विवादित हिस्सों पर सफाई मांगी है लेकिन चीन ने अबतक इसका जवाब नहीं दिया है। विदेश मंत्री का यह बयान उस वक्त आया है जब भारतीय सेना ने चीनी घुसपैठ के पुख्ता सबूत जुटाए हैं। चीनी सैनिकों ने भारतीय सीमा में घुसकर लाल रंग के स्प्रे पेंट से चीनी भाषा में चट्टानों पर चीन लिख दिया। सेना के सूत्र कहते हैं कि इस मामले पर चीनी अधिकारियों के साथ चर्चा की जाएगी। एक अधिकारी के मुताबिक, भारतीय सीमा में चीनी घुसपैठ कोई नई बात नहीं है लेकिन ऐसा पहली बार है कि उन्होंने चट्टानों पर चीन लिख दिया।
मंदी और सूखे की मार झेल रहे देश में जब मिनिस्टर्स के होटेलों में रहने की खबर मीडिया में आई, तो इस खबर पर खूब हंगामा मचा, जिसके चलते प्रणब मुखर्जी को यह कदम उठाना पड़ा। उन्होंने दोनों मंत्रियों को स्पष्ट तौर पर कहा है कि वे अब होटेल छोड़ सरकारी घर में ही रहे। प्रणब के बयान के बाद, इस मुद्दे पर विदेश राज्य मंत्री शशि थरूर ने कहा कि मैं ऐसी खबर को कोई महत्व नहीं देता हूं। ये जनता का पैसा नहीं है मैंने अपनी जेब से पैसा भरा है। वैसे यहां गौर करने वाली बात यह है कि चुनाव के दौरान थरूर ने अपनी घोषित संपत्ति में सिर्फ 12000 रुपए नगद की राशि दिखाई है। साथ ही बैंक में उन्होंने करीब 25 लाख रुपए, करीब 2 लाख पाउंड, 42 लाख दिनार और 16 लाख अमेरिकी डॉलर की राशि दर्शायी थी।
लेह इलाके में बढ़ती चीनी घुसपैठ की खबरों के बीच सेना और विदेश मंत्रालय में मतभेद साफ नजर आ रहा है। दरअसल, सेना के अधिकारियों ने यह माना था कि चीनी सैनिक भारतीय सीमा में घुसे थे और यह उनके लिए एक मुद्दा है जिसपर वे चीनी अधिकारियों के साथ बातचीत करेंगे। लेकिन, विदेश मंत्रालय ने इसके उलट यह कहा कि यह कोई मुद्दा नहीं है और भारत और चीन के बीच की सीमा 'सबसे शांतिपूर्ण' है। विदेश मंत्री एस. एम. कृष्णा ने कहा कि इस मसले पर (घुसपैठ) भारत और चीन के बीच एक मानक प्रक्रिया है। कृष्णा ने कहा, 'मैं यह ऑन द रेकॉर्ड कह सकता हूं कि दूसरे पड़ोसी देशों के बनिस्बत भारत और चीन की सीमा सबसे शांतिपूर्ण है। इस मुद्दे पर कोई समस्या नहीं है'। यह उन्होंने तब कहा जब पत्रकारों ने उनसे चीन की तथाकथित घुसपैठ (हेलीकॉप्टर और लेह में अंतरराष्ट्रीय सीमा का उल्लंघन) के बारे में पूछा।
जबकि, जम्मू-कश्मीर से आ रही खबरों के मुताबिक चीनी सैनिकों ने लेह में अंतरराष्ट्रीय सीमा का उल्लंघन किया और भारतीय सीमा में कुछ चरवाहों को भी धमकाया। इस मसले पर भारत का रुख अभी तक बेहद संतुलित रहा है और भारत का यह मानना है कि चीन के साथ वास्तवित नियंत्रण रेखा (Line of Actual Control - LAC) ठीक से परिभाषित नहीं है और सीमा को लेकर चीन, भारत की समझ से इत्तफाक नहीं रखता। विदेश मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि भारत ने पेइचिंग से LAC के विवादित हिस्सों पर सफाई मांगी है लेकिन चीन ने अबतक इसका जवाब नहीं दिया है। विदेश मंत्री का यह बयान उस वक्त आया है जब भारतीय सेना ने चीनी घुसपैठ के पुख्ता सबूत जुटाए हैं। चीनी सैनिकों ने भारतीय सीमा में घुसकर लाल रंग के स्प्रे पेंट से चीनी भाषा में चट्टानों पर चीन लिख दिया। सेना के सूत्र कहते हैं कि इस मामले पर चीनी अधिकारियों के साथ चर्चा की जाएगी। एक अधिकारी के मुताबिक, भारतीय सीमा में चीनी घुसपैठ कोई नई बात नहीं है लेकिन ऐसा पहली बार है कि उन्होंने चट्टानों पर चीन लिख दिया।
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