मोहम्मद अली जिन्ना के नाती और उद्योगपति नुस्ली वाडिया ने जसवंत सिंह की किताब के लिए पैसे देने के आरोपों को खारिज कर दिया है। उनसे पूछा गया था कि पाकिस्तान के संस्थापक जिन्ना की प्रतिष्ठा बढ़ाने के लिए क्या उन्होंने जसवंत सिंह की किताब को फाइनैंस किया है। वाडिया ने एक न्यूज चैनल से कहा, 'यह सब बकवास है। मेरे नाना मेरे नाना हैं, यह बदलने नहीं जा रहा है। मुझे उनके लिए प्रमाणपत्र लिखने के लिए जसवंत सिंह की जरूरत नहीं।' 'जिन्ना: इंडिया, पार्टिशन, इंडिपेंडेंस' पर उनके कुछ करीबी मित्रों के साथ बहस में वाडिया ने कहा, 'जसवंत सिंह के मामले में मैं नहीं समझता कि किसी व्यक्ति को यह कहने का अधिकार है कि उनके पास कोई किताब लिखने का अधिकार नहीं है।' जसवंत सिंह के खिलाफ बीजेपी द्वारा की गई कार्रवाई से जुड़े एक सवाल पर उन्होंने कहा, 'मुझे आश्चर्य है। मैं बहुत आश्चर्यचकित हूं और दुखी हूं।' यह पूछे जाने पर कि पिछले 30-40 सालों से उनके मित्र बीजेपी नेता लालकृष्ण आडवाणी को वह मौजूदा स्थिति में किस प्रकार देखते हैं, वाडिया ने सिर्फ इतना कहा, 'बहुत दुखद।' NBT
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