शिवसेना के कार्यकारी अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने कहा है कि उनकी पार्टी जनता व
कार्यकर्ताओं के समक्ष इंपोर्टेड कैंडीडेट नहीं उतारेगी। गोरेगांव के एनएचपी ग्राउंड में रविवार को शिवसेना के कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए उद्धव ने कहा कि इस बार शिवसेना आयात किए हुए लोगों को टिकट नहीं देगी, बल्कि आपमें से बैठे ही किसी व्यक्ति को टिकट दिया जाएगा। साल 1995 में हुए चुनाव को याद करते हुए शिवसेना कार्याध्यक्ष ने कहा कि उस समय पूरा महाराष्ट्र भगवामय हो गया था, हिन्दू एक हो चले थे, तभी कांग्रेस को हिन्दुओं की ताकत का पता चला। इसके बाद कांग्रेस ने हिन्दुओं तोड़ना शुरू किया, फिर उन्होंने ही मराठी व गैर-मराठी विवाद पैदा किया और अब उन लोगों ने कट्टर मराठियों को तोड़ने के लिए सुपारी दे रखी है। उद्धव ने राज ठाकरे व नारायण राणे का नाम लिए बगैर कहा कि शिवसेना प्रमुख ने जिन्हें आगे बढ़ाया वे ही गद्दार निकले। शिवेसना में जो भी आ रहे हैं, पार्टी उनका सम्मान कर रही है, जबकि दूसरे दलों में ऐसा नहीं है। उन्होंने साफ किया कि अबकी बार अगर महाराष्ट्र में कांग्रेस की सरकार आई, तो बिहार से भी बुरी हालत महाराष्ट्र की हो जाएगी। उद्धव के मुताबिक कांग्रेस के लोग चुनाव के वक्त सत्ता हासिल करने के लिए एक हो जाते हैं, जबकि सत्ता मिलने के बाद सत्तासुख भोगते हुए लड़ाई करते हैं। इन्हें जनता से कुछ लेनादेना नहीं होता। गटप्रमुखों पर ही चुनाव जिताने की जिम्मेदारी सौंपते हुए उन्होंने कहा कि वे ही घर-घर पहुंचते हैं और लोगों तक अपनी बात पहुंचाने में मददगार साबित होते हैं।
कार्यकर्ताओं के समक्ष इंपोर्टेड कैंडीडेट नहीं उतारेगी। गोरेगांव के एनएचपी ग्राउंड में रविवार को शिवसेना के कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए उद्धव ने कहा कि इस बार शिवसेना आयात किए हुए लोगों को टिकट नहीं देगी, बल्कि आपमें से बैठे ही किसी व्यक्ति को टिकट दिया जाएगा। साल 1995 में हुए चुनाव को याद करते हुए शिवसेना कार्याध्यक्ष ने कहा कि उस समय पूरा महाराष्ट्र भगवामय हो गया था, हिन्दू एक हो चले थे, तभी कांग्रेस को हिन्दुओं की ताकत का पता चला। इसके बाद कांग्रेस ने हिन्दुओं तोड़ना शुरू किया, फिर उन्होंने ही मराठी व गैर-मराठी विवाद पैदा किया और अब उन लोगों ने कट्टर मराठियों को तोड़ने के लिए सुपारी दे रखी है। उद्धव ने राज ठाकरे व नारायण राणे का नाम लिए बगैर कहा कि शिवसेना प्रमुख ने जिन्हें आगे बढ़ाया वे ही गद्दार निकले। शिवेसना में जो भी आ रहे हैं, पार्टी उनका सम्मान कर रही है, जबकि दूसरे दलों में ऐसा नहीं है। उन्होंने साफ किया कि अबकी बार अगर महाराष्ट्र में कांग्रेस की सरकार आई, तो बिहार से भी बुरी हालत महाराष्ट्र की हो जाएगी। उद्धव के मुताबिक कांग्रेस के लोग चुनाव के वक्त सत्ता हासिल करने के लिए एक हो जाते हैं, जबकि सत्ता मिलने के बाद सत्तासुख भोगते हुए लड़ाई करते हैं। इन्हें जनता से कुछ लेनादेना नहीं होता। गटप्रमुखों पर ही चुनाव जिताने की जिम्मेदारी सौंपते हुए उन्होंने कहा कि वे ही घर-घर पहुंचते हैं और लोगों तक अपनी बात पहुंचाने में मददगार साबित होते हैं।
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