Thursday, September 17, 2009

मितव्ययता मापदण्ड लागू करना जरूरी

जयपुर। राज्य सरकार ने सरकारी फिजूलखर्ची पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी है। यह रोक अगले साल 30 जून तक प्रभावी रहेगी। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने विदेश यात्राओं पर पूरी तरह से रोक लगाते हुए कहा कि मंत्रिपरिषद के सभी सदस्यों व अधिकारी अब घरेलू हवाई यात्राओं में इकॉनोमी श्रेणी में ही यात्रा कर सकेंगे। इसके साथ सभी सरकारी कार्यालयों में बिजली के खर्च में कम से कम 10 फीसदी की कमी करने के निदेश दिए गए हैं।
गहलोत ने कहा कि देश में हवाई यात्राओं के लिए मंत्रियों व अधिकारियों को उनसे अनुमति लेनी होगी। राजकीय भवनों के निर्माण व नए उपकरणों की खरीद पर भी रोक लगाई गई है। सरकार का कहना है कि राज्य के अधिकांश जिलों में सूखे के हालात व मंदी के दौर को देखते हुए ये निर्देश दिए गए हैं। यह आदेश राजकीय उपक्रम, कम्पनियों, मण्डलों, विश्वविद्यालय, अनुदानित संस्थाओं व निकायों पर लागू होगा। सरकार ने यह भी तय किया है कि बकाया राजस्व वसूली, नकारा व अनुपयोगी सामान के निस्तारण के लिए अभियान चलाया जाएगा।
इन पर रोक नहीं* बजट घोषणाओं, आवश्यक सेवाओं जैसे एम्बुलैंस, अग्निशमन वाहन, जीवन रक्षा व अस्पतालों में काम आने वाले उपकरणों, कम्प्यूटर व राहत कार्यो में काम आने वाले क्रियाशील उपकरणों की खरीद की जा सकेगी।* बजट घोषणाओं की क्रियान्विति के लिए नए भवन निर्माण हो सकेंगे, राजकीय भवनों में केवल अत्यावश्यक परिवर्तन व सुधार कार्य बजट प्रावधान की सीमा में कराए जा सकेंगे।* बारहवें वित्त आयोग की सिफारिश के तहत कराए जाने वाले कार्य कराए जा सकेंगे। * बजट घोषणाओं के तहत नवीन पदों का सृजन व क्रमोन्नत किया जा सकेगा।* विभाग बजट के मदों के तहत किए गए प्रावधानों की सीमा तक खर्च किया जा सकेगा।
हालात देखते जरूरी थामुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मंगलवार को यहां कहा कि मंदी के हालात व सूखे को देखते हुए प्रदेश में मितव्ययता मापदण्ड लागू करना जरूरी था। उन्होंने कहा कि अनावश्यक खर्च रोकने के इन इन्तजामों से वास्तविक रूप से धन की बचत होगी और संदेश भी जाएगा। अपने निवास पर पत्रकारों से बातचीत में गहलोत ने कहा कि मंदी के कारण केन्द्रीय करों की वसूली कम हुई है, जिससे प्रदेश को मिलने वाला हिस्सा भी कम हुआ है, वहीं राज्य का अपना राजस्व भी 24 प्रतिशत की वृद्धि दर से घट कर चार प्रतिशत रह गया है। उन्होंने बताया कि मितव्ययिता इन्तजामों से विकास व सामान्य कार्यों पर असर नहीं पडेगा अलबत्ता अनावश्यक खर्च पर रोक लगेगी। मितव्ययिता मापदण्डों के कारण राजनीतिक नियुक्तियां प्रभावित होने के प्रश्न को गहलोत टाल गए। गहलोत ने कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी की यात्रा के दौरान ट्रेन पर पथराव को दुर्भाग्यपूर्ण बताया।
ये दिए निर्देश* विदेश यात्रा पर पूर्ण प्रतिबंध रहेगा, लेकिन अनिवार्य सामान्य प्रशिक्षण कार्यक्रमों पर प्रतिबंध लागू नहीं होगा, सेवा नियमों के तहत अनिवार्य प्रशिक्षण में हिस्सा लिया जा सकेगा।* अपरिहार्य कारणों से राज्यहित में अधिकारी मुख्य सचिव की पूर्वानुमति से ही हवाई यात्रा कर सकेंगे।* प्रत्यक्ष व परोक्ष रूप से तबादला चाहने वाले अधिकारियों व कर्मचारियों का स्थानान्तरण होने पर उन्हें यात्रा भत्ता नहीं दिया जाएगा।* दिल्ली के अतिरिक्त राज्य के बाहर राज्यहित में यात्रा करना जरूरी हो, तो इसके लिए पूर्वानुमति लेनी होगी।* कार्य क्षेत्र से बाहर यात्रा करने के लिए राजकीय वाहनों का उपयोग नहीं किया जाएगा। अपरिहार्य कारणों से ऎसी यात्रा करना जरूरी हो तो सम्बंधित प्रमुख शासन सचिव से अनुमति लेनी होगी।* वाहन, एयर कंडीशनर, मोबाइल फोन, नए टेलीफोन कनेक्शन पर रोक रहेगी। * डायरियां, कलेण्डर आदि के नाम से होने वाली फिजूलखर्ची व मंहगे उपहारों पर प्रतिबंध रहेगा।* मृत राज्य कर्मचारियों के आश्रितों को नियुक्ति देने व विकलांग व्यक्तियों की नियुक्ति के लिए वित्त विभाग व कार्मिक विभाग से अनुमति लेनी होगी।* सरकारी भवनों पर सजावटी खर्च पर पूरी तरह रोक रहेगी। * संविदा व सलाहकार के रूप में संविदा नियुक्ति के लिए वित्त विभाग से अनुमति लेनी होगी।* राजकीय भोज के लिए वित्त विभाग से अनुमति लेना अनिवार्य होगा जबकि शिलान्यास, उद्घाटन, राजकीय समारोह, कार्यशालाएं व अन्य कार्यक्रम सादा आयोजित करने होंगे।

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