Saturday, November 22, 2008

अमीर व गरीब में खाई बढाई है केन्द्र सरकार ने : नीतिश कुमार

जनतादल के नेता एवं बिहार के मुख्यमंत्री नीतिशकुमार ने कहा है कि केन्द्र में इन्का नेतृत्ववाली सरकार एक भी समस्या हल नहीं कर सकी। शुरू में पिछली वाजपेयी सरकार के कामें का कुछ फायदा हुआ पर बाद में उसकी गलत नीतियों के कारण शासन के आखिरी वर्षों में देश में अर्थिक संकट खडा हो गया है तथा अमीर-गरीब के बीच की खाई बढी और विकास की गति ठप्प हो गई। नीतिशकुमार आज जिले के दानपुर में बांसवाडा विधानसभा सीट से जद उम्मीदवार राजेश कटारा के समर्थन में आयोजित चुनाव सभा को सम्बोधित कर रहे थे।उन्होंने कहा कि आजादी के बाद से कांग्रेस ने गरीब की तरफ ध्यान नहीं दिया। आजादी के बाद चुनावों में डॉ. राममनोहर लोहिया चुन कर गए व संसद में कहा कि गरीब आदमी की आमदनी एक आना रोज है। आज भी वही स्थित है और सरकारी रिपोर्ट के अनुसार 80 करोड लोग बीस रूपये रोज में अपना परिवार चलाने को मजबूर हैं। इस तरह गरीबी बढती चली गई।उन्होंने कहा कि कांग्रेस परमाणु संधि को अपनी बडी उपलब्धी बता रही है। दानपुर में परमाणु बिजली घर का लालीपाप देरही है। लेकिन उसने इस संधि के चलते देश की संप्रभुता को गिरवी रख दिया है। उन्होंने कहा कि बांसवाडा में अथाह जल भण्डार है और विकास के लिए उसका इस्तेमाल होना ही चाहिये। लेकिन पूरे राजस्थान को कुदरत का वरदान और सूर्यदेव का आशीर्वाद प्राप्त है। यहां तपती रेगिस्तानी धरती पर सौर उर्जा परियोजनाओं के विकास की योजनाऐं बनाई जानी चाहिये। पानी का पूरा उपयोग पेयजल, सिंचाई व उद्योग के लिए होना चाहिये। नीतिशकुमार ने बिहार की स्थिति का उदाहरण देते हुए कहा कि आज जो दल केन्द्र में कांग्रेस की सरकार में बैठे हैं, उनके कारण बिहार की पहचान देश में एक अपराधियों के राज्य के रूपमें बन गई थी। लालुप्रसाद यादव का नाम लिये बगैर उन्होंने कहा कि कानून का कहीं राज नहीं था और दिन में अपराधी सरेआम अवैध हथियार ले घुमते व वारदातें करते थे। शाम के बाद घरों से निकलना सुरक्षित नहीं था। वहां पांच साल में जनतादल ने कानून का राज व अमन कायम किया है और गरीबों के विकास को गति दी है।उन्होंने इस क्षेत्र को मामा बालेश्वरदयाल के त्याग व तपस्या की भूमि बताते हुए कहा कि वे पूरे देश के लिए आदर्श थे। इस ईलाके में पिछडे आदिवासियों के स्थाई उत्थान, चेतना व शिक्षा के लिए उन्होंने जो कुछ किया उसका कर्ज हम उनकी नीति को आगे बढानेवाला प्रतिनिधी चुन कर ही पूरा कर सकते हैं।

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