Thursday, November 13, 2008
जातिगत समीकरणों में उलझी राजसमंद और मावली विधानसभा की सीट
राजसमंद एवं मावली क्षेत्र पर भाजपा से टिकट की दावेदारी में जातिगत स्मीकरण आने दोनों स्टों पर निर्णय करना भाजपा चुनाव समिति के लिए और मुश्किल होता जा रहा है। राजसमंद एवं मावली से टिकट के दावेदारों धर्मनारायण जोशी एवं मांगीलाल जोशी ने ब्राह्मणवाद का स्हारा ले लिया है। मावली क्षेत्र पर मौजूदा विधायक शांतिलाल चपलोत भी खुलकर स्माने आ गए हैं।राजसमंद विधानसभा क्षेत्र पर भाजपा महिला मोर्चा की राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं सांसद किरण माहेश्वरी तथा वरिष्ठ नेता धर्मनारायण जोशी के बीच चल रही खींचतान में दोनों पक्षों ने पार्टी नेतृत्व एवं चुनाव समिति के स्माक्ष अपनी स्थित मजबूत बनाने के लिए प्रयासा् तेज कर दिए हैं। इसी् क्षेत्र पर किरण माहेश्वरी की टिकट की दावेदारी पहले से ही मजबूत है क्योंकि किरण की हैसियत से राजसमंद व मावली स्टें जातिगत स्मीकरण में उलझी में सक्रिय है तथा लगातार फील्ड में आम जनता व कार्यकर्ताओं के स्था स्पांर्क में है। एक प्रभावी व्यक्तित्व होने के नाते उनका वहीं से खड़े होने का अर्थ भाजपा की दृष्टि में स्निश्चित जीत है।दूस्री ओर धर्मनारायण जोशी का पक्ष मजबूत करने के लिए पालीवाल समाज उनके स्मार्थन में उतर गया है। धर्मनारायण जोशी पालीवाल ब्राह्मण है तथा मूल रूप से भाणुजा (नाथद्वारा) के निवासी् है। उनके पिताजी झाड़ोल क्षेत्र में बसा् गए थे लेकिन चुनाव के स्माय उन्हें अपनी जड़ें वापसा् याद आ गई है और पालीवाल समाज ने भी उन्हें अपना स्मार्थन दे दिया है। राजसमंद पालीवाल समाज आर्थिक, सामाजिक एवं राजनैतिक हैसीयत रखता है इस लिहाज से अगर कंसीडर किया जाए तो धर्मनारायण जोशी के लिए राजसमंद सीट माफिक है।धर्मनारायण समर्थकों ने राजसमंद में यह भी मुद्दा उठा दिया है कि राजसमंद जिले के अधिकांश पदों पर महाजन वैश्य नियुक्त है इसलिए विधायक का पद ब्राह्णा को मिलना चाहिए। राजसमंद के जिला प्रमुख नंदलाल सिंघवी, नगरपालिका अध्यक्ष अशोक रांका (गृहमंत्री गुलाबचंद कटारिया के भानजे) जिला उपभोक्ता मंच के दो सदस्य सभी महाजन ही है। ऐसे में ब्राह्मणवाद का झंडा बुलंद करने वालों को बल मिलता है।ब्राह्मणों ने तो मेवाड में इस चुनाव में एक भी सीट ब्राह्मण को नहीं दिए जाने पर भी नाराजगी जताई है। बांसवाडा की सीटें आरक्षित होने पर सत्ता का सुख और स्वाद भोगकर बैठे मंत्री जी भवानी जोशी की भी राजसमंद पर भी नजर जा रही है। जोशी राजसमंद के प्रभारी रह चुके है।राजसमंद में चाहे जो भी समीकरण हो किरण माहेश्वरी के लिए मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे खुलकर समर्थन कर रही है। प्रदेशाध्यक्ष ओमप्रकाश माथुर, धर्मनारायण जोशी के समर्थन में पूरी ताकत लगा रहे हैं। माथुर ने अन्य सीटों पर मुख्यमंत्री का समर्थन किया जिसके एवज में राजसमंद अपने साथी को दिला सकते है।राजसमंद व मावली में किरण व धर्मनारायण के बीच रही खींचतान में भाजपा में उनके विरोधी दिग्गज भी फूट डालने व समीकरण बिगाडने में लगे है। पूर्व उपराष्ट्रपति एवं पूर्व मुख्यमंत्री भैरोसिंह शेखावत, पूर्वमंत्री कैलाश मेघवाल, गृहमंत्री गुलाबचंद कटारिया भी ऊपर के स्तर पर धर्मनारायण जोशी को राजसमंद से टिकट दिलवाने के प्रयास कर रहे हैं ताकि किरण को मावली से टिकिट देकर उन्हें विधानसभा में निपटा दिया जाए और राजनीतिक कद कम कर दिया जाये। किरण माहेश्वरी जिस तरह गिरिजा व्यास जैसी राष्ट्रीय नेता को पराजित कर ससंद में पहुंची उससे किरण का भाजपा में वही कद हो गया जो गिरिजा व्यास का कांग्रेस में था।भाजपा सूत्रों ने बताया कि अगर राजसमंद से धर्मनारायण जोशी को टिकिट मिलता है तो मावली में चल रही मौजूदा उठापटक के चलते किरण माहेश्वरी चुनाव लडना पसंद नहीं करे। ऐसे में मांगीलाल जोशी की मावली से दावेदारी मजबूत हो जाती है, हालांकि मौजूदा विधायक शांतिलाल चपलोत के समर्थकों ने उदयपुर भाजपा कार्यालय पर आकर बाहारी प्रत्याशी के तौर पर किरण माहेश्वरी का विरोध किया और कुछ समर्थक दिल्ली भी रवाना हो गए है। बताया जा रहा है कि मावली सीट के दो विरोधी दावेदार शांतिलाल चपलोत व मांगीलाल जोशी पिछले दो दिन से साथ है और किरण का विरोध भी मांगीलाल जोशी की दावेदारी ही मजबूत करेगा।मावली में किरण के लिए चपलोत, मांगीलाल जोशी, चंद्रगुप्त चौहान से भीरतघात का खतरा है। दूसरी तरफ मांगीलाल जोशी ने भी मावली से जाति का पासा फैंककर समीकरण अपने पक्ष में मजबूत कर लिए हैं। धर्मनारायण जोशी का भी मावली से मन कम ही लग रहा है वे भी अंतिम चरणों तक राजसमंद के लिए संघर्ष करेंगे। चपलोत व मांगीलाल को हाल ही हुआ गठजोड किसी बाहरी आदमी को नहीं आने देना चाहता। मांगीलाल जोशी नागदा ब्राह्मण है और मावली में उनके समाज के करीब 25 गांव उनके जाति के हैं। नागदा जाति के 16 खेडा भी मावली में ही हैं इस वजह से मावली सीट से मांगीलाल जोशी की दावेदारी मजबूत हो जाती है। चपलोत को पार्टी नेतृत्व वैसे ही विरोध के कारण टिकट नहीं देने का मन बना चुका है। मांगीलाल समर्थकों का दूसरा तर्क यह यह भी है कि जिस बैल्ट में कांग्रेस के प्रत्याशी की डांगी समाज के वोट है जोशी भी उसी बैल्ट के हैं इसलिए डांगी समाज में उनकी भी पैठ है।
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