Saturday, November 22, 2008

अब बिल्ले आौर टोपियां नहीं चूडिया और लाकेट पहनो मतदाताओ

मतदाताओं को रिझाने के लिये राजनीतिक दल नये-नये तरीके अपना रहे हैं जिसके तहत पार्टी के निशान वाले माउथ प्रेशनर्स के रैपर तथा बैंड एवं चूंड़ियें जैसे फैशन के सामग्रियों का इस्तेमाल किया जा रहा है। इसके अलावा राजनेताओं के मुखौटों की भी मांग बढ़ी है। पिछले 20 साल से चुनाव प्रचार सामग्री की आपूर्ति कर रहे सदर बाजार के कारोबारी अब्दुल गफ्फार अंसारी ने कहा समय के साथ चुनाव प्रचार सामग्रियों का प्रचलन बदला है। परंपरागत झंडों और बैनर से हटकर अब फेशनर्स और फैशन सामग्रियों का इस्तेमाल किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि विभिन्न दल विशेषकर बसपा की ओर से पार्टी निशान वाले फैशन सामानों की मांग है जिनमें क्लिप, बैंड, लाकेट और चूड़ियां शामिल हैं। रैलियों में बच्चों की बड़ी संख्या को देखते हुए कारोबारियों के मन में पार्टी निशान युक्त रैपर लगे माउथ फेशनर्सं के उपयोग का विचार आया। एक अन्य कारोबारी मदनलाल ने कहा सामान्यत हमें प्रचार सामग्रियों का आर्डर मिला है लेकिन इस बार हमने नये विकल्प उपलब्ध कराये हैं जिसे विभिन्न राजनीतिक दलों ने हाथों-हाथ लिया है। राष्ट्रीय राजधानी में मुखौटों का जादू अब भी बरकरार है। कांग्रेस की ओर से पार्टी के युवा चेहरे राहुल गांधी के मुखौटे की मांग है वहीं भाजपा अपने वरिष्ठ एवं वयोवृद्ध नेता अटल बिहारी वाजपेयी के मुखौटों की मांग कर रही है। वाजपेयी की ''पोस्टर ब्वाय'' की छवि अब भी बरकरार है। मदनलाल ने कहा कांग्रेस के अधिकतर उम्मीदवार राहुल गांधी की तस्वीर वाले बैनर पोस्टर की मांग कर रहे हैं वहीं भाजपा उम्मीदवार वाजपेयी की तस्वीर चाहते हैं। उन्होंने कहा, अच्छे स्टाक के बावजूद हमने विनिर्माताओं को राहुल और वाजपेयी की तस्वीर वाली चुनाव सामग्रियों का विशेष आर्डर दिया है। व्यापारियों के अनुसार इस बार मुखौटा स्थानीय स्तर पर बना है और गुजरात में इस्तेमाल किये गये चीन से आयातित मुखौटों से सस्ता है। जिन अन्य नयी चुनाव सामग्रियों की मांग है उनमें पार्टी निशान वाले टोपी बैच मफलर और टी-शर्ट शामिल हैं

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