Saturday, January 3, 2009

अशोक गहलोत ने कहा कि बदले की भावना से नहीं बल्कि सहयोग की भावना से करेंगे शासन

राजस्थान विधानसभा में आज अशोक गहलोत सरकार ने ध्वनिमत से विश्वासमत हासिल कर लिया।मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सदन में विश्वास मत का प्रस्ताव पेश किया था। जिस पर विधानसभा अध्यक्ष दीपेन्द्र सिंह शेखावत ने सदस्यों की राय जानी। कांग्रेस सहित निर्दलीय एवं बहुजन समाज पार्टी के सदस्यों ने विश्वासमत का समर्थन किया जबकि भारतीय जनता पार्टी ने इसका विरोध किया।उल्लेखनीय है कि कांग्रेस के पास विधायकों की संख्या 96 होने के कारण राज्यपाल शीलेन्द्र कुमार सिंह ने बहुमत साबित करने के लिए एक माह का समय दिया था। आज राज्यपाल के अभिभाषण के बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने विश्वास मत प्रस्ताव रखा जिस पर करीब साढ़े तीन घंटे बहस हुई । बहस के दौरान सत्तारूढ़ कांग्रेस के सदस्यों ने जहां विपक्षी भाजपा सरकार के कुशासन के कारनामे गिनाये वहीं भाजपा सदस्यों ने राज्य को विकसित श्रेणी में लाने तथा विकास के द्वार खोलने का दावा किया।चर्चा के दौरान दोनों पक्षों के सदस्य बात-बात पर उलझते दिखाई दिए तथा टोका-टोकी के कारण व्यवधान का माहौल रहा।राज्य विधानसभा ने इस सम्बन्ध में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा प्रस्तुत प्रस्ताव ``िक यह सदन मंत्री परिषद् में विश्वास व्यक्त करता है'' ध्वनिमत से पारित कर दिया।विश्वास प्रस्ताव पर हुई बहस का उत्तर देते हुए मुख्यमंत्री ने राज्य की जनता को जवाबदेह, पारदर्शी और स्वच्छ प्रशासन देने का वादा करते हुए विश्वास दिलाया कि उनकी सरकार 31 मार्च, 2009 तक की एक कार्य योजना बना कर जनहित के कार्यों को अंजाम देगी। इसके लिए मुख्य सचिव को कार्य योजना बनाने के निर्देश दिये जा चुके हैं।गहलोत ने कहा कि पिछली सरकार के फैसलों की समीक्षा के दौरान सकारात्मक सोच के साथ कार्यवाही की जायेगी। इस मामले में बदले की भावना से कोई काम नहीं होगा। उन्होंने कहा कि 90बी के प्रकरणों के साथ ही सिंचाई, जलदाय, बिजली योजनाओं की क्रियान्विति, फोन टेपिंग, फर्जी मुठभेड़ और गलत शराब नीति की समीक्षा कर सच्चाई सामने लायी जायेगी।मुख्यमंत्री ने राज्य के कुछ क्षेत्रों में अकाल एवं अभाव की स्थिति का जिक्र करते हुए बताया कि उन क्षेत्रों की गिरदावरी रिपोर्ट प्राप्त होते ही राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी कार्यक्रम के तहत लोगों को रोजगार उपलब्ध कराया जायेगा।मुख्यमंत्री ने कहा कि गत सरकार के समय जिस प्रकार से शासन हुआ, उससे सामाजिक ताना बाना नष्ट हुआ। उसे राजस्थान की जनता कभी भुला नहीं सकती। उन्होंने सभी दलों के लोगों से आग्रह किया कि हम सकारात्मक सोच के साथ मिलजुल कर सामाजिक ताना बाना को मजबूत कर राजस्थान में परस्पर सद्भाव बनावे।मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार जनता से किये गये वायदों को पूरा करने में कोई कसर नहीं छोड़ेगी। उन्होंने राज्य हित एवं जन कल्याण के कार्य में प्रतिपक्ष के रचनात्मक एवं सकारात्मक सहयोग का आह्वान भी किया।इससे पहले बहस की शुरूआत करते हुए भाजपा के राजेन्द्र सिंह राठौड़ ने दावा किया कि कांग्रेस को जनादेश नहीं मिला है तथा मत प्रतिशत के आधार पर लोकप्रियता में नौ प्रतिशत की कमी आई है।उन्होंने कहा कि यह सरकार बैसाखियों पर टिकी है जो गिर जाएगी।कांग्रेस के प्रताप सिंह खाचरियावास ने भाजपा शासन में भ्रष्टाचार का जिक्र करते हुए कहा कि जमीनों के नाम पर खुलकर लूट की गई तथा अपनी पार्टी के वरिष्ठ नेताओं को कोई तवज्जो नहीं दी गई।माकपा के अमराराम ने कहा कि भाजपा तथा कांग्रेस दोनों को जनता ने ठुकराया है। उन्होंने कहा कि निर्दलीय विधायकों को मंत्री पद का लालच देकर सरकार बनाना राजनीतिक धोखाधड़ी है।बहुजन समाज पार्टी के राजेन्द्र सिंह ने कांग्रेस को समर्थन देते हुए शराब की दुकानों का समय कम करने, छात्र संघों के चुनाव कराने के बारे में राज्य सरकार द्वारा लिए गए निर्णयों की सराहना की।

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