शिमला/धर्मशाला. भाजपा ने रोहड़ू और ज्वाली उपचुनाव में प्रत्याशियों के टिकट फाइनल कर एक तीर से चार निशाने साधे हैं। पहला तो कांग्रेस से पहले प्रत्याशी फाइनल कर भाजपा ने बढ़त ले ली है। दूसरा, कांगड़ा से ओबीसी वर्ग से संबधित प्रत्याशी को टिकट देकर तीस फीसदी वोट बैंक पर सेंध लगाने की तैयारी कर ली है। तीसरा, सुधा सुशांत को टिकट न देकर परिवारवाद को बढ़ावा देने के आरोप से भी छुटकारा पा लिया है। चौथा, रोहड़ू सीट पर पहली बार वीरभद्र सिंह के प्रत्याशी न होने के चलते हर बार वोट बैंक बढ़ा रहे खुशीराम बालनाहटा को टिकट देकर जीत का रास्ते पर कदम रख दिया है। ज्वाली सीट में 35 फीसदी राजपूत, 16 फीसदी ब्राrाण, 30 फीसदी ओबीसी, 12 फीसदी एससी और एसटी मतदाता हैं।
ज्वाली के प्रत्याशी बलदेव राज चौधरी बडूखर के रहने वाले हैं। वह वर्ष 1999 से 2002 तक ज्वाली मंडल महामंत्री, जबकि 2002 से 2005 तक मंडलाध्यक्ष रह चुके हैं। मैट्रिक तक शिक्षा प्राप्त करने वाले बलदेव 1995 से 2000 तक बलदेव राज चौधरी भादपुर पंचायत से पंचायत समिति सदस्य रहे। अभी वह भाजपा प्रदेश परिषद के सदस्य हैं। वहीं, खुशीराम बालनाहटा अभी तक चार चुनाव हार चुके हैं, लेकिन उन्होंने हर बार अपना वोट बैंक बढ़ाया है। बीएएलएलबी तक शिक्षा प्राप्त बालनाहटा दो बार जिला महामंत्री और दो बार पार्टी अध्यक्ष रह चुके हैं। वह तीन बार प्रदेश महामंत्री, एक बार भाजयुमो प्रदेशाध्यक्ष, एक बार उपाध्यक्ष और तीन बार पार्टी प्रवक्ता रह चुके हैं।
ज्वाली के प्रत्याशी बलदेव राज चौधरी बडूखर के रहने वाले हैं। वह वर्ष 1999 से 2002 तक ज्वाली मंडल महामंत्री, जबकि 2002 से 2005 तक मंडलाध्यक्ष रह चुके हैं। मैट्रिक तक शिक्षा प्राप्त करने वाले बलदेव 1995 से 2000 तक बलदेव राज चौधरी भादपुर पंचायत से पंचायत समिति सदस्य रहे। अभी वह भाजपा प्रदेश परिषद के सदस्य हैं। वहीं, खुशीराम बालनाहटा अभी तक चार चुनाव हार चुके हैं, लेकिन उन्होंने हर बार अपना वोट बैंक बढ़ाया है। बीएएलएलबी तक शिक्षा प्राप्त बालनाहटा दो बार जिला महामंत्री और दो बार पार्टी अध्यक्ष रह चुके हैं। वह तीन बार प्रदेश महामंत्री, एक बार भाजयुमो प्रदेशाध्यक्ष, एक बार उपाध्यक्ष और तीन बार पार्टी प्रवक्ता रह चुके हैं।
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