Tuesday, October 6, 2009

भ्रष्टाचार बन गया शिष्टाचार

अजमेर। न पहले वाले जनप्रतिनिधि रहे और न ग्रामीण। प्यार और सम्मान दोनों तरफ से गायब हो गया। गांवों में राजनीति घुस आई और भ्रष्टाचार का बोलबाला हो गया। ऎसे माहौल में अफसरों की बन आई। पंचायतीराज के स्वर्ण जयंती समारोह के अवसर पर सोमवार को जिला परिषद सभागार में पूर्व जिला प्रमुख व प्रधानों ने अपने दिल का यह दर्द बयां किया।
पंचायतीराज के पचास साल पूरे होने पर पूर्व जनप्रतिनिधियों का सम्मान किया गया। इस मौके पर आयोजित संगोष्ठी में पूर्व जिला प्रमुख और पूर्व प्रधानों ने अपने अनुभव बांटे और पुरानी यादें ताजा कीं। पहले क्या अच्छा था और अब क्या बुरा है, इस पर वे खुलकर बोलें। प्रमुख व प्रधानों ने पंचायतीराज को और मजबूत करने के लिए संविधान संशोधन में स्वीकृत अधिकार व सभी विषय पंचायतों को उनके बजट के साथ सौंपने की आवश्यकता जताई। उन्होंने कहा कि पुरानी व वर्तमान व्यवस्था तथा माहौल में बहुत अन्तर आ गया है।
गांव से न्याय गायबअरांई के प्रथम प्रधान मूलचंद जांझरी ने कहा कि वर्तमान व्यवस्था में न्याय का हनन हुआ है। पहले गांव का न्याय गांव में हो जाता था। पचास वर्षों में वातावरण पूरी तरह बदल गया। न्याय सबको मिले और सस्ता मिले इसके लिए ग्राम न्यायालयों को अधिकार मिलने चाहिए।
दलगत राजनीति ने बिठाया भट्टा सिलोरा के पूर्व प्रधान शांति कुमार गोधा ने कहा कि दलगत राजनीति ने पंचायत राज का भट्टा बिठा दिया। गांव में पार्टियां आ गई, गुटबाजी उबर गई। वर्तमान में दलीय आधार पर चुनाव होना सबसे बडी बुराई है। गांवों में जनप्रतिनिधियों के प्रति जो आस्था व जागृति थी वह गायब हो गई। वे अपने दिवगंत हुए साथियों को याद कर भावुक हो गए।
सपना बिखराश्रीनगर के पूर्व प्रधान शंकर सिंह रावत ने कहा कि पंचायत राज तो गांधी जी का सपना था। गांवों में ऎसी राजनीति घुसी कि विकास ठप हो गया। जो विकास होना चाहिए वह नहीं हो पा रहा है। अब भ्रष्टाचार शिष्टाचार हो गया है, क्योंकि अब भ्रष्टाचारियों का बहुमत हो गया है। उन्होंने वर्तमान नेताओं पर कटाक्ष किया कि इज्जत पैसे खाकर नहीं बनती।
सरपंच नहीं जानते श्रीनगर के पूर्व प्रधान शंकर सिंह रावत ने कहा कि जिला प्रमुख को सरपंच तक नहीं जानते। उन्होंने जिला प्रमुख सरिता गैना को गांवों में नहीं जाने पर उलाहना भी दिया। पूर्व जिला प्रमुख रामस्वरूप चौधरी और पुखराज पहाडिया की तारीफ करते हुए रावत ने कहा कि यह लोग गांवों में घूमते थे।

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