पंचायत राज मंत्री भरत सिंह के आदेश पर खानपुर क्षेत्र के सरखंडिया गंाव में जलसंसाधन विभाग द्वारा गत तीन दिन से हरिश्चंद्र सागर की नहर का पानी उजाड नदी में डाला जा रहा है। जिससे सूखी नदी में रिचार्ज तो हुई लेकिन यह पानी गांव के बीच बहने से लोगों को परेशानी भी हो रही है।
ग्रामीणों ने बताया कि सोमवार को पंचायत राज मंत्री भरतसिंह नहर का निरीक्षण करने आए थे। जिन्होंने जल संसाधन विभाग के अघिकारियों से हरिश्चन्द सागर की नहर से सांगोद क्षेत्र में सूखी पडी उजाड नदी के लिए पानी छोडने के आदेश दिए थे।
इसके बाद कर्मचारियों ने सरखंडिया गांव के पास से नहर की किशनपुरा ब्रांच मे पानी छोड कर गांव के पास से ही नहर को तोड दिया। जिससे पानी बहकर गंाव में होता हुआ नांगली नदी के जरिए उजाड नदी में पहुंचाया जा रहा है। जिससे गांव के मुख्य मार्ग से होकर गत तीन दिनों से पानी बह रहा है। जिससे लोगों को परेशानी हो रही है।
पंचायत राज मंत्री के जुबानी आदेश पर नहर का पानी नांगली नदी से होता हुआ उजाड नदी में छोडा जा रहा है। -आर. के. जैमीनी, सहायक अभियंता, जल संसाधन विभाग
इन दिनों चावल व अन्य किसी फसल को पानी की जरूरत नहीं है। जबकि उजाड नदी सूखी पडी है। इन दिनों में यदि हरिश्चंद्र सागर का व्यर्थ बहने वाला पानी जरूरत मंद इलाकों में पहंुचा दिया जाए तो इससे कई जल स्त्रोत रिचार्ज होंगे। भविष्य में पानी की योजनाओं में ऎसी तो व्यवस्था की जाएगी जिससे बांधों का पानी नहरों में ही नहीं बल्कि जरूरत पडने पर सूखी नदियों में भी डाला जा सके। किसी गांव में परेशानी की जानकारी तो नहीं लेकिन है तो दिखवाएंगे।- भरत सिंह, पंचायतराज मंत्री,राजस्थान सरकार
ग्रामीणों ने बताया कि सोमवार को पंचायत राज मंत्री भरतसिंह नहर का निरीक्षण करने आए थे। जिन्होंने जल संसाधन विभाग के अघिकारियों से हरिश्चन्द सागर की नहर से सांगोद क्षेत्र में सूखी पडी उजाड नदी के लिए पानी छोडने के आदेश दिए थे।
इसके बाद कर्मचारियों ने सरखंडिया गांव के पास से नहर की किशनपुरा ब्रांच मे पानी छोड कर गांव के पास से ही नहर को तोड दिया। जिससे पानी बहकर गंाव में होता हुआ नांगली नदी के जरिए उजाड नदी में पहुंचाया जा रहा है। जिससे गांव के मुख्य मार्ग से होकर गत तीन दिनों से पानी बह रहा है। जिससे लोगों को परेशानी हो रही है।
पंचायत राज मंत्री के जुबानी आदेश पर नहर का पानी नांगली नदी से होता हुआ उजाड नदी में छोडा जा रहा है। -आर. के. जैमीनी, सहायक अभियंता, जल संसाधन विभाग
इन दिनों चावल व अन्य किसी फसल को पानी की जरूरत नहीं है। जबकि उजाड नदी सूखी पडी है। इन दिनों में यदि हरिश्चंद्र सागर का व्यर्थ बहने वाला पानी जरूरत मंद इलाकों में पहंुचा दिया जाए तो इससे कई जल स्त्रोत रिचार्ज होंगे। भविष्य में पानी की योजनाओं में ऎसी तो व्यवस्था की जाएगी जिससे बांधों का पानी नहरों में ही नहीं बल्कि जरूरत पडने पर सूखी नदियों में भी डाला जा सके। किसी गांव में परेशानी की जानकारी तो नहीं लेकिन है तो दिखवाएंगे।- भरत सिंह, पंचायतराज मंत्री,राजस्थान सरकार
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