Wednesday, October 14, 2009

बुरे फंसे ममता की कार का पीछा करने वाले पत्रकार

रेल मंत्री ममता बनर्जी की कार का पीछा करना बांग्ला न्यूज चैनल 'चौबीस घंटा' के पत्रकारों के लिए महंगा साबित हो रहा है। तृणमूल सुप्रीमो ने आरोप लगाया है कि मंगलवार देर रात करीब 1.30 बजे कोलकाता के साल्टलेक में प्रेस स्टीकर लगी कार में सवार तीन लोग उनकी हत्या की फिराक में थे।
इस बारे में विधाननगर [पूर्व] थाने में ममता की ओर से केंद्रीय राज्य मंत्री मुकुल राय व पार्टी के अन्य नेताओं ने प्राथमिकी दर्ज कराई है। कार सवार पत्रकारों ने भी जवाबी रिपोर्ट दर्ज कराया है। जिसमें कहा गया है कि तृणमूल नेता और उनके समर्थकों ने उनके साथ मारपीट की, उनका मोबाइल छीन लिया तथा कैमरा तोड़कर फेंक दिया। उत्तर चौबीस परगना के पुलिस अधीक्षक राहुल श्रीवास्तव ने कार सवार तीन लोगों के पत्रकार होने की पुष्टि की है। उनका कहना है कि न्यूज चैनल के ये पत्रकार ममता का इंटरव्यू करना चाहते थे, इसीलिए रेल मंत्री के काफिले का पीछा कर रहे थे।
तृणमूल सुप्रीमो का कहना है कि वह साल्टलेक में अपने एक करीबी से मिलने के लिए जा रही थी। उनका काफिला जब साल्टलेक में दाखिल हुआ तो एक कार उनकी गाड़ी के निकट आ गई। कार में तीन लोग सवार थे। दो के हाथ में कैमरा था या हथियार अंधेरे में नहीं दिखाई दिया। कार इस तरह से चलायी जा रही थी कि जैसे मेरी गाड़ी को धक्का मार दिया जाएगा। करीब पांच मिनट तक मेरी कार का पीछा किया गया। बाद में मैंने गाड़ी रोक कर आईजी [कानून व्यवस्था] सुरजीत पुरकायस्थ को फोन पर घटना के बारे में जानकारी दी। इसके बाद मुकुल राय व राज्य तृणमूल अध्यक्ष सुब्रत बख्शी को थाने में जाकर प्राथमिकी दर्ज कराने को कहा। इस मामले में अभी तक किसी को गिरफ्तार नहीं नहीं किया गया है। पुलिस अधीक्षक श्रीवास्तव के अनुसार, एफआईआर दर्ज होने के कारण पुलिस मामले की छानबीन करेगी।

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