छगन भुजबल को एनसीपी की ओर से महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री पद के लिए नॉमिनेट किए जाने के बाद से राजनीति के गलियारों में यह चर्चा जोरों पर थी कि शरद पवार के भतीजे अजीत पवार बगावत का झंडा बुलंद कर सकते हैं। लेकिन अजीत ने इन चर्चाओं को महज अफवाह करार दिया है। अजीत ने कहा कि उन्होंने कभी भी शिवसेना-बीजेपी के नेताओं से संपर्क नहीं किया बल्कि उन लोगों ने ही संपर्क किया था और मुख्यमंत्री बनने का ऑफर दिया था। अजीत ने हमारे सहयोगी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया को दिए इंटरव्यू में कहा कि शिवसेना-बीजेपी गठबंधन के नेता 4-5 घंटे के लिए मेरे संपर्क में थे।
वे जानते थे कि मेरे पास 35-40 विधायकों का सपोर्ट है इसलिए उन्होंने मुझे गठबंधन में शामिल होने और मुख्यमंत्री बनने का न्योता दिया था। अजीत ने कहा कि मैं उन नेताओं के नाम नहीं सार्वजनिक करना चाहता क्योंकि इससे उन्हें दिक्कत हो सकती है। अपने चाचा और पार्टी सुप्रीमो शरद पवार से नाराजगी की रिपोर्ट को खारिज करते हुए अजीत ने कहा कि यह कहना गलत है कि मैं बगावत का मन बना चूका था। यह गद्दारी होगी और मैं ऐसा कभी नहीं कर सकता। उन्होंने कहा कि पार्टी की ओर से छगन भुजबल को उपमुख्यमंत्री के लिए नामित किए जाने पर मैंने बधाई भी दी है। अजीत के मुताबिक वह उपमुख्यमंत्री की रेस में कभी थे ही नहीं।
वे जानते थे कि मेरे पास 35-40 विधायकों का सपोर्ट है इसलिए उन्होंने मुझे गठबंधन में शामिल होने और मुख्यमंत्री बनने का न्योता दिया था। अजीत ने कहा कि मैं उन नेताओं के नाम नहीं सार्वजनिक करना चाहता क्योंकि इससे उन्हें दिक्कत हो सकती है। अपने चाचा और पार्टी सुप्रीमो शरद पवार से नाराजगी की रिपोर्ट को खारिज करते हुए अजीत ने कहा कि यह कहना गलत है कि मैं बगावत का मन बना चूका था। यह गद्दारी होगी और मैं ऐसा कभी नहीं कर सकता। उन्होंने कहा कि पार्टी की ओर से छगन भुजबल को उपमुख्यमंत्री के लिए नामित किए जाने पर मैंने बधाई भी दी है। अजीत के मुताबिक वह उपमुख्यमंत्री की रेस में कभी थे ही नहीं।
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