बाल ठाकरे के गुस्से की परवाह न कर शिवसेना में बगावत की नींव डालने वाले महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री छगन भुजबल को इन दिनों अजीब खौफ सता रहा है। उन्हें नांदगांव निर्वाचन क्षेत्र से अपने बेटे पंकज भुजबल के पराजित होने की आशंका है।
वरिष्ठ एनसीपी नेता भुजबल की गिनती महाराष्ट्र के प्रभावशाली नेताओं में होती है। इस विधानसभा चुनाव में वे नासिक जिले की येवला सीट से चुनाव लड़े और बेटे को इसी जिले की नांदगांव सीट से खड़ा किया। शुरुआती दौर में भुजबल को येवला सीट से अपनी एकतरफा जीत दिख रही थी, लेकिन 13 अक्तूबर को मतदान खत्म होने के बाद आई पुलिस की खुफिया रिपोर्ट ने उनकी नींद उड़ा दी है।
जानकार सूत्रों का कहना है कि येवला सीट से भुजबल किसी तरह चुनाव जीत जाएंगे, लेकिन नांदगांव से पंकज की जीत के बारे में कुछ भी नहीं कहा जा सकता है। वैसे भी लोकसभा चुनाव के दौरान एनसीपी इस सीट पर 6,165 वोटों से पीछे थी।
वरिष्ठ एनसीपी नेता भुजबल की गिनती महाराष्ट्र के प्रभावशाली नेताओं में होती है। इस विधानसभा चुनाव में वे नासिक जिले की येवला सीट से चुनाव लड़े और बेटे को इसी जिले की नांदगांव सीट से खड़ा किया। शुरुआती दौर में भुजबल को येवला सीट से अपनी एकतरफा जीत दिख रही थी, लेकिन 13 अक्तूबर को मतदान खत्म होने के बाद आई पुलिस की खुफिया रिपोर्ट ने उनकी नींद उड़ा दी है।
जानकार सूत्रों का कहना है कि येवला सीट से भुजबल किसी तरह चुनाव जीत जाएंगे, लेकिन नांदगांव से पंकज की जीत के बारे में कुछ भी नहीं कहा जा सकता है। वैसे भी लोकसभा चुनाव के दौरान एनसीपी इस सीट पर 6,165 वोटों से पीछे थी।
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