पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे को विपक्ष की नेता का पद छोड़ने की सलाह देने के लिए पूर्व ओएसडी महेन्द्रसिंह राठौड़ की ओर से लिखे गए पत्र को लेकर भाजपा में खलबली मची हुई है।
वसुंधराराजे के खास माने जाने वाले वे लोग पत्र लिखने और उसे प्रेस में लीक किए जाने से सख्त खफा हैं, जिन पर राठौड़ ने निशाना साधा है। विधानसभा में भाजपा के मुख्य सचेतक राजेन्द्र राठौड़ ने कहा कि महेन्द्रसिंह पांच साल तक पूर्ववर्ती सरकार में मुख्यमंत्री के विशेषाधिकारी रहे। पांच साल तक उनका कुछ भी नहीं बोलना और बाद में सत्ता से बाहर होने पर इस तरह की बातें करना सामान्य शिष्टाचार के खिलाफ है।
उधर, पूर्व मुख्यमंत्री के विशेषाधिकारी रहे महेन्द्रसिंह राठौड़ ने बताया कि वसुंधराराजे ही उनकी नेता थीं, हैं और आगे भी रहेंगी। जहां तक पत्र लिखने की बात है तो यह एक कार्यकर्ता का वरिष्ठ कार्यकर्ता से संवाद है। वसुंधराराजे का कद बहुत ऊंचा है, इसलिए उन्होंने पत्र में केवल कार्यकर्ताओं की भावना व्यक्त की है।
वसुंधराराजे के खास माने जाने वाले वे लोग पत्र लिखने और उसे प्रेस में लीक किए जाने से सख्त खफा हैं, जिन पर राठौड़ ने निशाना साधा है। विधानसभा में भाजपा के मुख्य सचेतक राजेन्द्र राठौड़ ने कहा कि महेन्द्रसिंह पांच साल तक पूर्ववर्ती सरकार में मुख्यमंत्री के विशेषाधिकारी रहे। पांच साल तक उनका कुछ भी नहीं बोलना और बाद में सत्ता से बाहर होने पर इस तरह की बातें करना सामान्य शिष्टाचार के खिलाफ है।
उधर, पूर्व मुख्यमंत्री के विशेषाधिकारी रहे महेन्द्रसिंह राठौड़ ने बताया कि वसुंधराराजे ही उनकी नेता थीं, हैं और आगे भी रहेंगी। जहां तक पत्र लिखने की बात है तो यह एक कार्यकर्ता का वरिष्ठ कार्यकर्ता से संवाद है। वसुंधराराजे का कद बहुत ऊंचा है, इसलिए उन्होंने पत्र में केवल कार्यकर्ताओं की भावना व्यक्त की है।
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