Thursday, October 29, 2009

पूनम ने कहा, यह बीजेपी की नहीं, मेरी हार है

अपने पिता और बीजेपी नेता प्रमोद महाजन की विरासत को आगे बढ़ाने के लिए किए पहले प्रयास में असफलता के बाद पूनम महाजन ने कहा कि वह अगले चुनावों में जीत के लिए और मेहनत करेंगी। 29 वर्षीय पूनम ने कहा, 'मेरे पिता 1984 में लोकसभा चुनाव हार गये थे, लेकिन वह अगले चुनाव में जीते। वह मेरी प्रेरणा हैं। मैं और मेहनत करूंगी।' घाटकोपर सीट पर एमएनएस उम्मीदवार राम कदम से चुनाव हारीं पूनम अपनी हार के लिए बीजेपी को जिम्मेदार नहीं ठहराती। कदम के 56, 575 मतों के मुकाबले 31, 609 मत हासिल करने वाली पूनम ने कहा, 'यह मेरी हार है। मैं पार्टी को इसके लिए जिम्मेदार नहीं ठहराती। सच बात यह है कि मतदाताओं ने एमएनएस को तरजीह दी।' क्या प्रवीण छेदा जैसे स्थानीय पार्टी पदाधिकारियों के असंतोष के कारण उनकी हार हुई, इस सवाल के जवाब में पूनम ने कहा, 'छेदा सहित सभी ने मेरे लिए काम किया।' 'अनुभवहीनता' और 'बाहरी' होने के चलते हार होने की बात को पूनम स्वीकार नहीं करतीं। उनका कहना है, 'यह एक ऐसा चुनाव क्षेत्र था जहां मराठी मतदाताओं की संख्या सबसे ज्यादा थी।'

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