Tuesday, October 20, 2009

गांवों में चढने लगा चुनावी रंग

पंचायतीराज संस्थाओं के चुनाव भले अभी तीन माह बाद होने हों, लेकिन गांवों में चुनावी रंग चढने लगा है। दीपोत्सव के आयोजनों में आने वाले पंचायत चुनावों का असर साफ दिखा। पंच, सरपंच, पंचायत समिति या जिला परिषद सदस्य का चुनाव लडने की तैयारी कर रहे लोग दीपावली की रामा-श्यामा करने में आगे रहे।
चुनाव लडने का मानस बना रहे कई नेता दीपावली पर बडे नेताओं का 'आशीर्वाद' पाने के लिए बेताब दिखे। दीपावली का उपयोग सरपंच, प्रधानों ने अपनी उपलब्धियां लोगों तक पहुंचाने के लिए किया। सरपंच व प्रधानों के राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी भी इस मौके अधिक सक्रिय दिखे। कांग्रेस व भाजपा के जनप्रतिनिधि व पदाधिकारी भी गांवों में सक्रियता बढाने में लगे हुए हैं। ऎसे कई नेता दीपावली शहर में मनाने के बाद गोवर्धन पूजा पर गांवों में पहुंच गए।
इन्तजार लॉटरी का
पंचायतीराज संस्थाओं के चुनावों को लेकर हलचल तो बढी है, लेकिन अब भी इन्तजार आरक्षण लॉटरी का है। अगले माह संभावित लॉटरी के बाद ही तय होगा कि किस पंचायत में किस वर्ग का सरपंच, पंचायत समिति व जिला परिषद में किस वार्ड में कौनसे वर्ग का प्रतिनिधि चुनाव लड सकेगा।

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