जयपुर. स्थानीय निकाय चुनावों में भाजपा दागियों को टिकट नहीं देगी। पार्टी इस बात पर भी विचार कर रही है कि पिछले चुनाव में बागी होकर लड़ने वालों को भी टिकट नहीं दिया जाए। साथ ही स्थानीय प्रत्याशी को ही टिकट में प्राथमिकता दी जाएगी।
भाजपा ने गुरुवार को निकाय चुनाव में टिकट मांगने वाले अभ्यर्थियों के लिए एक निर्धारित प्रपत्र जारी किया है। टिकट मांगने वाले सभी अभ्यर्थियों से इस प्रपत्र में ही सूचनाएं देने को कहा गया है। इस प्रपत्र में दी गई सूचनाओं के आधार पर ही टिकटों के बारे में विचार विमर्श किया जाएगा।
दागी प्रत्याशी का मतलब क्या?: दागी का मतलब चुनाव आयोग के अनुसार किसी तरह का आपराधिक मुकदमा नहीं हो, जैसे दहेज प्रताड़ना, चोरी, हत्या, मारपीट आदि। यदि राजनीतिक आंदोलन में शामिल होने के दौरान कोई गिरफ्तारी अथवा मामला दर्ज हुआ हो तो वे दागी की श्रेणी में नहीं आएंगे। अभ्यर्थी बायो डाटा में चुनाव आयोग के अनुसार जरूरी सूचनाएं नहीं दे रहे थे। जैसे ताजा मतदाता सूची में नाम दर्ज है या नहीं, कोई आपराधिक मामला तो दर्ज नहीं है।
निकाय चुनाव में टिकट मांगने वाले अभ्यर्थी पार्टी में रंग बिरंगे में बायो डाटा दे रहे हैं। पार्टी से जुड़ी गतिविधियों में सक्रिय रहने कार्यक्रमों की रंगीन फोटो और अखबारों में छपी खबरों की कतरनें लगाकर किताबनुमा बायोडाटा पेश किए जा रहे हैं। निकाय चुनाव के लिए प्रभारी ओंकारसिंह लखावत ने बताया कि प्रत्याशी चयन में स्थानीय कार्यकर्ताओं को ही प्राथमिकता दी जाएगी।
सभी की राय से तय होंगे प्रत्याशी : चतुर्वेदी
भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष अरुण चतुर्वेदी ने बताया कि निकाय चुनाव में पहले कार्यकर्ताओं से वार्ड स्तर पर प्रत्याशी के बारे में चर्चा की जाएगी। इसके बाद जिला स्तरीय समिति प्रत्याशियों का पैनल बनाकर प्रदेश समिति को देगी। जिला स्तरीय समितियों में नगरपालिका, नगर परिषद, नगर निगमों के संयोजक, विधायक, सांसद, जिलाध्यक्ष और मंडल अध्यक्षों के अलावा संयोजक द्वारा मनोनीत 5 सदस्य होंगे। निकाय चुनावों में टिकट 7 नवंबर से पहले तय करने का प्रयास किया जाएगा।
भाजपा ने गुरुवार को निकाय चुनाव में टिकट मांगने वाले अभ्यर्थियों के लिए एक निर्धारित प्रपत्र जारी किया है। टिकट मांगने वाले सभी अभ्यर्थियों से इस प्रपत्र में ही सूचनाएं देने को कहा गया है। इस प्रपत्र में दी गई सूचनाओं के आधार पर ही टिकटों के बारे में विचार विमर्श किया जाएगा।
दागी प्रत्याशी का मतलब क्या?: दागी का मतलब चुनाव आयोग के अनुसार किसी तरह का आपराधिक मुकदमा नहीं हो, जैसे दहेज प्रताड़ना, चोरी, हत्या, मारपीट आदि। यदि राजनीतिक आंदोलन में शामिल होने के दौरान कोई गिरफ्तारी अथवा मामला दर्ज हुआ हो तो वे दागी की श्रेणी में नहीं आएंगे। अभ्यर्थी बायो डाटा में चुनाव आयोग के अनुसार जरूरी सूचनाएं नहीं दे रहे थे। जैसे ताजा मतदाता सूची में नाम दर्ज है या नहीं, कोई आपराधिक मामला तो दर्ज नहीं है।
निकाय चुनाव में टिकट मांगने वाले अभ्यर्थी पार्टी में रंग बिरंगे में बायो डाटा दे रहे हैं। पार्टी से जुड़ी गतिविधियों में सक्रिय रहने कार्यक्रमों की रंगीन फोटो और अखबारों में छपी खबरों की कतरनें लगाकर किताबनुमा बायोडाटा पेश किए जा रहे हैं। निकाय चुनाव के लिए प्रभारी ओंकारसिंह लखावत ने बताया कि प्रत्याशी चयन में स्थानीय कार्यकर्ताओं को ही प्राथमिकता दी जाएगी।
सभी की राय से तय होंगे प्रत्याशी : चतुर्वेदी
भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष अरुण चतुर्वेदी ने बताया कि निकाय चुनाव में पहले कार्यकर्ताओं से वार्ड स्तर पर प्रत्याशी के बारे में चर्चा की जाएगी। इसके बाद जिला स्तरीय समिति प्रत्याशियों का पैनल बनाकर प्रदेश समिति को देगी। जिला स्तरीय समितियों में नगरपालिका, नगर परिषद, नगर निगमों के संयोजक, विधायक, सांसद, जिलाध्यक्ष और मंडल अध्यक्षों के अलावा संयोजक द्वारा मनोनीत 5 सदस्य होंगे। निकाय चुनावों में टिकट 7 नवंबर से पहले तय करने का प्रयास किया जाएगा।
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