कड़ी आलोचना के बाद उत्तर प्रदेश सरकार ने समाजवादी पार्टी (सपा) महासचिव अमर सिंह का वित्तीय जालसाजी का मामला आज कोलकाता पुलिस के सुपुर्द करने की घोषणा की। प्रदेश के केबिनेट सचिव शशांक शेखर सिंह ने प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि हमने यह मामला कोलकाता पुलिस के सुपुर्द करने का निर्णय लिया है। क्योंकि, यह सारी कम्पनियां वही पर पंजीकृत हैं। उन्होंने इस बात से इन्कार किया कि इस मामले से सरकार और राज्य की पुलिस का कोई लेना देना है। क्योंकि, इसमें राज्य में हुआ कोई अपराध शामिल नहीं है। उन्होंने कहा कि कानपुर पुलिस की सिफारिश पर यह मामला स्थानान्तरित किया गया है। इस मौके पर प्रमुख सचिव गृह कुंवर फतेह बहादुर भी मौजूद थे। केबिनेट सचिव ने कहा कि इस सिलसिले में कोलकाता पुलिस को सूचित कर दिया गया है तथा मामले को स्थानान्तरित किए जाने में कोई कानूनी अड़चन नहीं है। उन्होंने कहा कि मैं उन लोगों की निन्दा करता हूं जिन्होंने यह कहा कि इस मामले के पीछे राज्य सरकार है। राज्य सरकार की आलोचना दुर्भाग्यपूर्ण थी। क्योंकि, कोई भी व्यक्तिकिसी के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करा सकता है। उन्होंने कहा कि जब हमने मामले की छानबीन की तो पता चला कि सारा मामला कोलकाता से जुड़ा हुआ है। क्योंकि, सारी कम्पनियां वहीं पर पंजीकृत हैं। सिंह ने कहा कि अब राज्य सरकार यह देखेगी कि जब मामला राज्य से संबंधित नहीं था तो फिर कानपुर में इसकी रिपोर्ट कैसे दर्ज की गई। सपा महासचिव अमर सिंह के खिलाफ कानपुर में यह मुकदमा शिवाकान्त त्रिपाठी ने बाबूपुरवा थाने में दर्ज कराया गया था, जिसमें श्री सिंह की पत्नी पंकजा सिंह और सिने अभिनेता अमिताभ बच्चन का नाम भी शामिल किया गया था। इन पर पिछली मुलायम सिंह यादव सरकार के दौरान 400 करोड़ रूपए की वित्तीय जालसाजी का आरोप लगाया गया था।
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