राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के पूर्व सरसंघचालक कु.सी. सुदर्शन ने सेवानिवृत एयर मार्शल एके मुखोपाध्याय की पुस्तक सुपरपावरिंग इंडिया का आज विमोचन किया, जिसमें पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी और पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम को पोखरण दो परीक्षण के लिए कटघरे में खड़ा किया गया है। वाजपेयी सरकार में मानव संसाधन विकास मंत्री रहे डा. मुरली मनोहर जोशी भी समारोह में मौजूद थे। इस मौके पर जारी प्रेस विज्ञप्ति में मुखोपाध्याय की पुस्तक के कुछ प्रमुख अंशों का उल्लेख है। उन्होंने लिखा है कि कलाम और चिदंबरम जैसे परमाणु वैज्ञानिकों ने भारतीय परमाणु क्षमता के बारे में गुमराह किया। इस पुस्तक में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू, अटलबिहारी वाजपेयी और इंदिरा गांधी के कार्यकाल की समीक्षा की गई। पुस्तक में वाजपेयी को नेहरूका प्रशंसक बताते हुए लिखा है कि वाजेपयी ने जो भी राजनीतिक पहल की, वे भाजपा और संघ के लिए विफलता साबित हुए। पोखरण दो परीक्षण के बारे में लिखा गया है कि वाजपेयी के समय आंशिक रूप सफल रहे छह परमाणु परीक्षण किए गए जिसके कारण पाकिस्तान को खुद को परमाणु क्षमता रखने वाला साबित करने का मौका मिला। बाद में अमेरिकी दबाब में परमाणु व प्रक्षेपास्त्र विकल्पों को हमेशा के लिए बंद कर दिया गया। सामरिक क्षमता के बारे में वाजपेयी के धोखे का पर्दाफाश पाक ने कारगिल की चोटियों पर कब्जा कर किया। श्री सुदर्शन ने भी भाजपा को संभलने की नसीहत दे डाली। सुर्दशन ने कहा कि संघ भाजपा में दखलंदाजी नहीं करता, किंतु गलत होने पर संकेत जरूर देता है कि संभल जाओ।
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