अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में गुरुवार सुबह भारतीय दूतावास पर हुए आत्मघाती हमले में सभी भारतीय सुरक्षित हैं हालांकि दूतावास के कुछ सुरक्षाकर्मी मामूली रूप से घायल हो गए हैं। यह जानकारी अफगानिस्तान में भारत के राजदूत जयंत प्रसाद ने दी। इस हमले में सात लोगों की मौत हुई है और करीब 60 लोग ज़ख़्मी हुए हैं। प्रसाद ने बताया, 'कोई भी भारतीय गंभीर रूप से घायल नहीं हुआ और न ही किसी भारतीय की मौत हुई।' उधर, भारतीय विदेश सचिव निरुपमा राव ने कहा है कि काबुल हमले में सभी भारतीय सुरक्षित हैं। लेकिन उन्होंने माना कि यह धमाका भारतीय दूतावास पर हमला था। इससे पहले भी काबुल में भारतीय दूतावास को निशाना बनाया जा चुका है। प्रसाद ने विस्फोट की तुलना सात जुलाई 2008 को हुए धमाके से की, जिसमें दो भारतीय राजनयिकों सहित 44 लोगों की मौत हो गई थी। उन्होंने एक निजी समाचार चैनल से कहा, 'मैंने अपने आवास से विस्फोट की जो आवाज सुनी, वह जुलाई 2008की ही तरह थी।' प्रसाद ने कहा कि विस्फोट की वजह से दूतावास के वॉच टॉवर को नुकसान पहुंचा और कुछ सुरक्षाकर्मी भी घायल हुए लेकिन कोई भी 'गंभीर रूप से घायल' नहीं हुआ। उन्होंने कहा कि विस्फोट से दूतावास की खिड़कियों और दरवाजों तथा दीवार को नुकसान पहुंचा है। गुरुवार सुबह को हुए विस्फोट में कम से कम तीन लोगों की मौत हो गई। आत्मघाती विस्फोट उस मार्ग पर हुआ, जहां भारतीय दूतावास और अफगानी गृह मंत्रालय की इमारते हैं। स्थानीय चैनल टेलीविजन चैनल 'टोलो' ने बताया कि धमाके के बाद सड़क पर कम से कम तीन शव बिखरे नजर आए, वहीं कई वाहन क्षतिग्रस्त भी हो गए। विस्फोट में कार बम का इस्तेमाल किया गया। विस्फोटकों से भरी कार दूतावास की दीवार से टकराई और जबर्दस्त धमाका हुआ।
बीस अगस्त को देश में राष्ट्रपति पद के चुनाव होने के बाद मध्य अगस्त के बाद से राजधानी काबुल में यह चौथा बम विस्फोट है। हाल ही में 17 सितंबर को काबुल के अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे को जाने वाले मार्ग पर एक सैन्य काफिले पर किए गए एक आत्मघाती हमले में छह इतालवी सैनिक मारे गए थे तथा तीन अन्य घायल हुए थे। उस हमले की जिम्मेदारी तालिबान ने ली थी। इस हमले में दस अफगान नागरिक भी मारे गए थे तथा 50 से अधिक घायल हुए थे। यह अफगानिस्तान में नाटो और अमेरिकी नेतृत्व वाले एक लाख से अधिक सैनिकों पर पहला बड़ा हमला था। इससे पहले 7 जुलाई 2008 को भारतीय दूतावास को निशाना बनाया गया था। इस कार बम ब्लास्ट में 41 लोग मारे गए थे जिनमें दूतावास के वरिष्ठ अधिकारी भी शामिल थे।
बीस अगस्त को देश में राष्ट्रपति पद के चुनाव होने के बाद मध्य अगस्त के बाद से राजधानी काबुल में यह चौथा बम विस्फोट है। हाल ही में 17 सितंबर को काबुल के अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे को जाने वाले मार्ग पर एक सैन्य काफिले पर किए गए एक आत्मघाती हमले में छह इतालवी सैनिक मारे गए थे तथा तीन अन्य घायल हुए थे। उस हमले की जिम्मेदारी तालिबान ने ली थी। इस हमले में दस अफगान नागरिक भी मारे गए थे तथा 50 से अधिक घायल हुए थे। यह अफगानिस्तान में नाटो और अमेरिकी नेतृत्व वाले एक लाख से अधिक सैनिकों पर पहला बड़ा हमला था। इससे पहले 7 जुलाई 2008 को भारतीय दूतावास को निशाना बनाया गया था। इस कार बम ब्लास्ट में 41 लोग मारे गए थे जिनमें दूतावास के वरिष्ठ अधिकारी भी शामिल थे।
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