राजस्थान में नगर निगम चुनावों के लिए तीसरे मोर्चे के घटक दलों ने आज एक बैठक कर जनतांत्रिक संयुक्त मोर्चे का गठन किया । माक्र्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के जिला सचिव लालचंद भादू ने आज बताया कि बैठक में आपसी सहयोग से नगर निगम चुनाव लडऩे का फैसला किया गया१ उन्होंने बताया कि मोर्चे में भाकपा, लोक जन शक्ति पाटी। समाजवादी पार्टी, माकपा और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी शामिल है ।भादू ने बताया कि नगर निगम चुनाव में महापौर पद के लिए इन सभी दलों ने एक साथ रह कर चुनाव लडऩे का फैसला किया है । पार्षद तथा महापौर पद के प्रत्याशियों के चयन का जिम्मा एक कोर कमेटी को सौंपने पर सहमति बनी है
सादगी अभियान की समीक्षा करेंगे वित्त मंत्री
खर्च घटाने और सादगी के लिए सरकार द्वारा उठाए गए कदमों की समीक्षा के लिए वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी ने गुरुवार को एक बैठक बुलाई है। सरकार ने सूखे और आर्थिक मंदी को ध्यान में रखते हुए इन उपायों का ऐलान किया था। सूत्रों ने बताया कि विभिन्न केंद्रीय मंत्रालयों और विभागों से जुड़े वित्तीय सलाहकार इस बैठक में हिस्सा लेंगे। वित्त मंत्रालय ने सितंबर में विभिन्न मंत्रालयों और विभागों से अपने गैर-योजना खर्च में 10 फीसदी कटौती करने को कहा था। उसने कहा था कि फाइव स्टार होटलों में कॉन्फ्रेंस आयोजित नहीं किए जाएं। गैर-योजना मद के जिन खर्चों में कटौती अनिवार्य बताई गई थी उनमें प्रकाशन, पेशेवरों की सेवाएं, विज्ञापन व प्रचार, दफ्तर खर्च, पेट्रोल और तेल आदि पर खर्च शामिल हैं। सुरक्षा संबंधित खर्चों को इससे मुक्त रखा गया है। इनके अलावा अन्य गैर-योजना खर्चों में पांच फीसदी कटौती की बात कही गई थी। हालांकि ब्याज भुगतान, कर्ज का भुगतान, रक्षा खर्च, सैलरी, पेंशन और राज्यों को अनुदान आदि के रूप में होने वाले खर्चों को इन उपायों में शामिल नहीं किया गया था।
सादगी अभियान की समीक्षा करेंगे वित्त मंत्री
खर्च घटाने और सादगी के लिए सरकार द्वारा उठाए गए कदमों की समीक्षा के लिए वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी ने गुरुवार को एक बैठक बुलाई है। सरकार ने सूखे और आर्थिक मंदी को ध्यान में रखते हुए इन उपायों का ऐलान किया था। सूत्रों ने बताया कि विभिन्न केंद्रीय मंत्रालयों और विभागों से जुड़े वित्तीय सलाहकार इस बैठक में हिस्सा लेंगे। वित्त मंत्रालय ने सितंबर में विभिन्न मंत्रालयों और विभागों से अपने गैर-योजना खर्च में 10 फीसदी कटौती करने को कहा था। उसने कहा था कि फाइव स्टार होटलों में कॉन्फ्रेंस आयोजित नहीं किए जाएं। गैर-योजना मद के जिन खर्चों में कटौती अनिवार्य बताई गई थी उनमें प्रकाशन, पेशेवरों की सेवाएं, विज्ञापन व प्रचार, दफ्तर खर्च, पेट्रोल और तेल आदि पर खर्च शामिल हैं। सुरक्षा संबंधित खर्चों को इससे मुक्त रखा गया है। इनके अलावा अन्य गैर-योजना खर्चों में पांच फीसदी कटौती की बात कही गई थी। हालांकि ब्याज भुगतान, कर्ज का भुगतान, रक्षा खर्च, सैलरी, पेंशन और राज्यों को अनुदान आदि के रूप में होने वाले खर्चों को इन उपायों में शामिल नहीं किया गया था।
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