Friday, October 9, 2009

राकांपा के प्रदर्शन पर नहीं है कांग्रेस को ऐतबार

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में कांग्रेसी खेमा अपने सहयोगी दल राकांपा के प्रदर्शन को लेकर पूरी तरह असमंजस में नजर आ रहा है। पार्टी के रणनीतिक समूह में राकांपा के प्रदर्शन को लेकर चिंता सामने आई है। कांग्रेस को लग रहा है कि उसका प्रदर्शन पिछले चुनाव की तुलना में बेहतर न सही पर खराब नहीं होगा, लेकिन राकांपा उसकी कमजोर कड़ी है। पार्टी के बड़े नेता अनौपचारिक बातचीत में स्वीकार कर रहे हैं कि राकांपा को पिछले चुनाव की तुलना में कई सीटें गंवानी पड़ सकती हैं।

चुनावी समर के अंतिम दौर में पूरी ताकत झोंक रहे कांग्रेस-राकांपा के नेता खुद को भाजपा-शिवसेना गठजोड़ से बढ़त में बताने के बावजूद आत्मविश्वास के संकट से जूझ रहे हैं। राकांपा प्रमुख शरद पवार के भतीजे अजित पवार की ओर से राज्य में सरकार बनाने के लिए जरूरी होने पर महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना, एमएनएस का दामन थामने से परहेज न करने संबंधी बयान को भी आत्मविश्वास की कमी से ही जोड़कर देखा जा रहा है। गौरतलब है कि राकांपा प्रमुख के भतीजे ने शुक्रवार को एक निजी टेलीविजन से बातचीत में कहा कि राकांपा को एमएनएस का साथ लेने से भी गुरेज नहीं है। हालांकि उन्होंने राज्य में कांग्रेस-राकांपा सरकार बनने का भरोसा भी जताया।

कांग्रेस प्रवक्ता शकील अहमद ने कहा, उन्हें भरोसा है कि कांग्रेस-राकांपा राज्य में सरकार बनाएंगे। लेकिन पार्टी नेता अभी अन्य किसी विकल्प पर बातचीत करने को तैयार नहीं है। कांग्रेस ने महाराष्ट्र में अपने चुनावी मिशन की बागडोर राकांपा के डांवाडोल रवैए को देखते हुए ही ऐन वक्त पर कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह को समन्वयक बनाया था। दिग्विजय लगातार चुनावी मिशन में कांग्रेसी उम्मीदवारों को ताकत देने में जुटे हैं। पार्टी को आखिरी दौर में राहुल के दौरों से भी काफी उम्मीद है। पार्टी मान रही है कि इससे युवाओं का समर्थन हासिल करने में पार्टी को काफी मदद मिलेगी।

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