महाराष्ट्र में राजनीतिक हिंसा की सबसे बड़ी घटना कांग्रेस नेता पवनराजे निंबालकर हत्याकांड को माना जा रहा है। इस कांड में वरिष्ठ राकांपा नेता पद्मसिंह पाटिल को अपनी लोकसभा की सदस्यता तक गंवानी पड़ी है। हालांकि यह घटना इस विधानसभा चुनाव से पहले की है। केंद्रीय मंत्री सुशील कुमार शिंदे का गृह जिला सोलापुर इस बार चुनावी हिंसा के लिए सबसे अधिक सुर्खियों में रहा। २६ सितंबर को सोलापुर जिले की अक्कलकोट विधानसभा सीट से भाजपा उम्मीदवार सिद्रमप्पा पाटिल की प्रचार सभा में हुई फायरिंग की घटना में एक भाजपा कार्यकर्ता की जान गई थी।
इस सनसनीखेज मामले में महाराष्ट्र के एक राज्यमंत्री सिद्धराम म्हेत्रे भी अभियुक्त बनाए गये हैं। करमाला विधानसभा सीट से राकांपा उम्मीदवार श्यामल बागल की प्रचार सभा पर भी 10 अक्टूबर को अज्ञात लोगों ने फायरिंग की थी। पुणो में अजय भोसले (शिवसेना), कराड-उत्तर (सातारा) में वासुदेव माने (शिवसेना) और कल्याण में अल्का आवलस्कर (कांग्रेस) भी इस चुनाव में रू-ब-रू हो चुकी हैं।
इस सनसनीखेज मामले में महाराष्ट्र के एक राज्यमंत्री सिद्धराम म्हेत्रे भी अभियुक्त बनाए गये हैं। करमाला विधानसभा सीट से राकांपा उम्मीदवार श्यामल बागल की प्रचार सभा पर भी 10 अक्टूबर को अज्ञात लोगों ने फायरिंग की थी। पुणो में अजय भोसले (शिवसेना), कराड-उत्तर (सातारा) में वासुदेव माने (शिवसेना) और कल्याण में अल्का आवलस्कर (कांग्रेस) भी इस चुनाव में रू-ब-रू हो चुकी हैं।
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