Tuesday, February 10, 2009

जातिवाद की बात सभी के लिए खतरा : मुख्यमंत्री अशोक गहलोत

राजसमन्द। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि बदलते परिवेश में उच्च शिक्षा से हर बालक-बालिका जुडे़, इसके लिए पब्लिक-प्राईवेट-पार्टनरशिप को बढ़ावा दिया जायेगा।
मुख्यमंत्राी मंगलवार को नाथद्वारा के श्रीनाथजी इंस्टीट्यूट आॅफ टेक्नीकल इंजीनियरिंग कोलेज परिसर में नये एम.बी.ए.भवन के लोकार्पण अवसर पर मुख्य अतिथि पद से सम्बोधित कर रहे थे। उन्होने युवा पीढी का आव्हान किया कि वे बदलते परिवेश में शिक्षा से जुडे। शिक्षा के अभाव में उनके जीवन में अंधेरा ही रहेगा। उन्होने बताया कि शिक्षा के प्रसार के लिए गत कार्यकाल के दौरान प्रदेश के गांव-गांव-ढाणी-ढाणी में 23 हजार राजीव गांधी स्वर्णजयंती पाठशालाएं खोली थी ताकि किसी परिवार में कोई बालक अशिक्षित नही रहे।
उन्होने ग्रामीणों से भी आव्हान किया कि वे शिक्षा के क्षेत्रा में भागीदारी निभाते हुए सभी बच्चों को शिक्षा दिलवाएंगे। उन्होने बताया कि सरकार ने 73 एवं 74 वें संविधान संशोधन के जरिए सत्ता में भागीदारी भी दी है लेकिन शिक्षा के अभाव में कुछ भी विकास संभव नही है।
उन्होने कहा कि पब्लिक-प्राईवेट-पार्टनरशिप को आगे बढाने के लिए सरकार पुरा प्रयास करेगी। इसी तर्ज पर नाथद्वारा में मेडिकल कोलेज खोलने के लिए परीक्षण भी कराया जाएगा। उन्होने केन्द्र सरकार की आर्थिक नीतियों की चर्चा करते हुए कहा कि इससे देश का भरपूर विकास हुआ है। देश का नक्शा ही बदल गया है। गत पन्द्रह वर्ष में काफी बदलाव आया है। उन्होने कहा कि गांव के गरीब व्यक्ति को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए नरेगा योजना चलाई है जिससे ग्रामीण को एक वर्ष में सौ दिवस का रोजगार मिल रहा है।
मुख्यमंत्राी ने कहा कि वर्तमान में जो माहोल है उसका लाभ उठाने से ही समाज एवं व्यक्ति आगे बढ पाएगा। सरकार ने गत कार्यकाल में जो निर्णय लिए थे उसका सभी को लाभ मिल रहा है। आज संचार क्रांति का तेजी से विकास हुआ है। ऐसे में जातिवाद की बात करना हम सभी के लिए खतरा है। उन्होने बताया कि स्वर्गीय राजीव गांधी ने युवा वर्ग को 18 वर्ष की उम्र में मतदान देने का अधिकार दिया। उनका सोच था कि देश के विकास में युवा वर्ग की भागीदारी जरूरी है। देश को 21 वीं शताब्दी में ले जाने का उनका सपना था, ताकि 21 वीं शताब्दी में युवा वर्ग किसी क्षेत्रा में पीछे नही रहे।
उन्होने कहा कि सूचना का अधिकार लागू करने वाला प्रदेश पहला राज्य था, जहंा यह कानून लागू किया गया। इसका आमजन को लाभ मिला है।
समारोह की अध्यक्षता करते हुए पूर्व मंत्राी डॉ.सी.पी.जोशी ने बताया कि सन् 1998 में पब्लिक-प्राईवेट-पार्टनरशिप के तहत पहली बार नाथद्वारा से मावली की सड़क का निर्माण कराया गया । इसी तर्ज पर आज मेडिकल कोलेज खोलने की जरूरत है। उन्होने कहा कि शिक्षा के क्षेत्रा मे यहंा हुए विकास से नाथद्वारा धार्मिक नगरी के साथ शिक्षा के क्षेत्रा में अग्रणी नगरी बनी है।
उन्होने सुशासन की अवधारणा के संबंध में कहा कि योजनाओं का सही ढंग से क्रियान्वयन हो तथा उसका लाभ गरीब ग्रामीण को मिले तथा इसकी निगरानी पंचायत राज के प्रतिनिधि करें तभी सही रूप से सुशासन की अवधारणा सफल रहेगी। पंचायत स्तर पर भी सामाजिक अंकेक्षण की प्रक्रिया प्रभावी होनेे के साथ साथ क्रियान्वयन पारदर्शी तथा जवाबदेह हा,े इसके लिए भी जनप्रतिनिधि पहल करें।
उन्होने एम.बी.ए.छात्राों से भी सुशासन की जानकारी रखने का आग्रह किया ताकि वे गरीब के बीच जाकर कार्य करें जिससे प्रदेश के हर व्यक्ति की आकांक्षाओं को पुरा करने का प्रयास सफल हो सकंे।
समारोह में प्रबन्ध संकाय के आई.वी.़ित्रावेदी एवं वी.के.अग्रवाल ने भी अपने विचार व्यक्त करते हुए श्रीनाथजी इंस्टीट्यूट आॅफ टेक्नीकल इंजीनियरिंग में चल रहे विभिन्न पाठ्यक्रमों की जानकारी दी। प्रारंभ में संस्थान के कार्यकारी प्रबन्ध निदेशक अशोक पारीक ने सभी का स्वागत किया तथा कॉलेज के विकास एवं प्रगति की जानकारी दी। इससे पूर्व संस्थान निदेशक देवकी नंदन गुर्जर, सम्पत डागलिया, शांतिलाल कोठारी , मोहन लाल पामेचा, श्याम सुंदर राठी ने मुख्य मंत्राी का पुष्प्प गूच्छ भेंट कर स्वागत किया।

No comments: