Saturday, February 28, 2009

महिला विकास और सशक्तीकरण के लिए राज्यों को समुचित धनराशि उपलब्ध

राजस्थान की पर्यटन महिला एवं बाल विकास मंत्री बीना काक ने कहा कि राज्य सरकार पर्यटन सहित हर क्षेत्र में महिलाओं की सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित करने के साथ ही बाल श्रमिकों की समस्या के समाधान की दिशा में पहल करते हुए बाल नीति की पुर्न समीक्षा करने जा रही है। श्रीमती काक शनिवार को नई दिल्ली के विज्ञान भवन में केन्द्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती रेणुका चौधरी की अध्यक्षता में आयोति राज्यों के महिला एवं बाल विकास मंत्रियों और सचिवों के सम्मेलन में बोल रही थी। उन्होंने कहा कि महिलाओं को टैक्सी ड्राइवर,हाउस कीपर से लेकर विभिन्न क्षेत्रों में काम के अवसर देना जरूरी है। विशेषकर राजस्थान जैसे पर्यटन की दृष्टि से महत्वपूर्ण प्रदेश में विदेशी महिला पर्यटकों के साथ महिला टैक्सी ड्राइवर का प्रयोग सार्थक सिद्ध हो सकता है। भ्रूण हत्या जैसी सामाजिक बुराई को रोकने के लिए कानून की सख्ती से पालन करने के साथ ही जनचेतना और शिक्षा की जरूरत है। उन्होंने कहा कि महिलाओं के प्रति कुंठित भावनाओं को बदलने के लिए वातावरण बनाना होगा।काक ने कहा कि टी.वी.सीरियल बालिका वधू द्वारा बाल-विवाह जैसी सामाजिक कुरूतियों के खिलाफ जर्बदस्त संदेश दिया जा रहा है। ऎसी जन शिक्षण और जनसंचार फैलाने वाली फिल्मों के सम्पादित अंशो का पूरे देश में अधिकाधिक प्रसारण होना चाहिए। उन्होंने बताया कि राजस्थान में करीब 50 हजार आंगनवाडी केन्द्र संचालित है,लेकिन केवल 18 हजार आंगनवाडी भवन ही बने हुए है। शेष आंगनवाडियां पंचायतघरों अथवा स्कूलों मेंचल रही है। उन्होंने केन्द्र सरकार से मांग की कि प्रदेश में आंगनवाडी भवनों के निर्माण के लिए शत-प्रतिशत केन्द्रीय सहायता मुहैया कराई जाए। महिलाओं के समग्र विकास के लिए उनके आर्थिक स्वावलम्बन को जरूरी बताते हुए बताया कि राजस्थान सरकार इन दिशा में गंभीर प्रयास कर रही है। प्रदेश में 1.72 लाख स्वयं सहायता महिला समूहो का गठन हो चुका है। जिनमें करीब 1.23 लाख महिला समूहों को 265 करोड रूपए का ऋण दिलवाकर स्व-रोजगार गतिविधियों से जोडा जा चुका है। उन्होंने केन्द्र सरकार से अनुरोध किया कि महिला विकास और सशक्तीकरण के लिए राज्यों को समुचित धनराशि उपलब्ध करवाई जाए।

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