Friday, February 20, 2009

लोकसभा चुनाव हार जाने का श्राप कुंठा में कह गए सोमनाथ चटर्जी

सदन में हंगामा मचाने और कार्यवाही बाघित करने वाले सदस्यों को लोकसभा चुनाव हार जाने का श्राप देने के दूसरे ही दिन अध्यक्ष सोमनाथ चटर्जी ने शुक्रवार को कहा कि वह कुंठा में यह बात कह गए थे और वह सब सदस्यों के अगली लोकसभा में लौटने की कामना करते हैं। सांसदों को इस कथित श्राप से दु:खी चटर्जी ने सदन की कार्यवाही शुरू होते ही और प्रश्नकाल समाप्त होने के बाद भी अपनी इस टिप्पणी पर खेद प्रकट किया। सदस्यों ने भी चटर्जी के जज्बातों का सम्मान करते हुए मेजें थपथपाई। गुस्से के साथ-साथ मजाकिया टिप्पणियों के लिए जाने जाने वाले चटर्जी ने कहा- मैं तो अब अगला चुनाव लड नहीं रहा हूं। इसलिए किसी को कोई खतरा नहीं है। मैं बस आप सबके लिए शुभकामनाएं देता हूं कि आप दोबारा विजयी होकर लौटें। सदन की कार्यवाही गुरूवार को शुरू होते ही कुछ सदस्यों के कुछ मुद्दों पर विरोध के कारण बार-बार बाघित कार्यवाही पर कु्रद्ध अध्यक्ष ने कहा था- मैं उम्मीद करता हूं कि चुनाव में आप सब पराजित हों। आप सब लोगों को चुनाव में हार जाना चाहिए। आप लोगों को सबक सिखाए जाने की जरूरत है। मैं उम्मीद करता हूं कि जनता अपना उचित फैसला सुनाएगी। गुस्से से तमतमाए चटर्जी ने यह भी कहा था कि इस देश के लोगों को इस संसद को देखने दीजिए। मुझे उम्मीद है कि जनता आपको पहचान रही है। उन्होंने यह भी कहा था कि सदन को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया जाना चाहिए, इससे जनता के धन की बचत होगी। आप लोगों के भत्ते भी रोक देने चाहिए। मैं समझता हूं कि ऎसा करना सबसे सही होगा क्योंकि आप लोग सार्वजनिक धन में से एक पैसे के हकदार नहीं होंगे। उन्होंने कहा था जनता अपना फैसला सुनाएगी। तब तक इंतजार कीजिए। आप लोग इस सदन की कोई परवाह नहीं करते हैं। आप लोग देश की जनता का अपमान कर रहे हैं, आप लोग शालीन तरीके का आचरण करने को तैयार नहीं हैं। आप इस देश में लोकतंत्र को दफन कर रहे हैं। आप पहले ही ऎसा कर चुके हैं और किसी को परवाह नहीं है। अंत में उन्होंने कहा था कि मैं आप लोगों के आचरण को पूरी तरह अस्वीकार करते हुए इसकी पुरजोर निंदा करता हूं। आपने इस देश की जनता को यहां तक पहुंचाने का औजार भर समझ रखा है और आप अपने इस शर्मनाक आचरण से इस देश की जनता का अपमान कर रहे हैं। सदन की कार्यवाही शुक्रवार को शुरू होने पर अध्यक्ष से अपना अभिशाप वापस लेने और सदस्यों को माफ करने का अनुरोध किए जाने पर चटर्जी ने कहा- सभी सदस्यों को चुनाव में पराजित होने का शाप नहीं दिया था जो आसन के पास आए थे केवल उनके बारे में ही ऎसा कहा था। जब सदस्य उनसे माफी देने पर जोर देने लगे तो उन्होंने कहा- अभी तो प्रश्नकाल चलने दो आज अच्छा व्यवहार करोगे तो माफ करने पर विचार करेंगे। बाद में प्रश्नकाल सुचारू तरीके से पूरा होने पर चटर्जी ने स्वयं ही सभी सदस्यों के विजयी होने की कामना की।

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