Saturday, February 14, 2009

श्रीलंका की तमिल समस्या के बारे में भारत अपना रवैया बदले. रामदास

पट्टाली मक्कल काची .पीएमके. के संस्थापक एस रामदास ने कहा है कि भारत को श्रीलंका की तमिल समस्या के बारे में अपना रूख बदलना चाहिये। श्री रामदास ने इस समस्या के मद्देनजर श्रीलंका में पाकिस्तान और चीन द्वारा अपने ठिकाने बनाने और इससे भारत की सुरक्षा के प्रति उत्पन्न हो रहे खतरे के प्रति केन्द्र सरकार को आगाह करते हुये यह बात कही। केन्द्र की संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन सरकार की भागीदार पीएमके के प्रमुख श्री रामदास ने आज यहां पत्रकारों के साथ बातचीत में कहा कि भारत को सुरक्षा चिंताओं के मद्देनजर इस मामले में अपना रवैया बदलते हुये श्रीलंका में तत्काल संघर्षविराम की पहल करनी चाहिये। संसद के संयुक्त अधिवेशन को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति प्रतिभा देवी सिंह पाटिल द्वारा श्रीलंका सरकार से संघर्षविराम के लिये की गयी अपील को नाकाफी बताते हुये उन्होंने कहा कि भारत को इसके लिये श्रीलंका को बाकायदा आदेश देना चाहिये। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान और चीन इस मामले में श्रीलंका के करीब आने की कोशिश कर रहे है और यह देश की सुरक्षा के लिहाज से ठीक नहीं है। श्री रामदास ने कहा कि पाकिस्तान और चीन भारत के मित्र देश नहीं है। इसलिये चीन द्वारा श्रीलंका की समुद्रीसीमा में अपना नौसैनिक अड्डा बनाना. उत्तरी तट पर बंदरगाह बनाना तथा पाकिस्तान द्वारा हथियारों की आपूर्ति और आईएसआई द्वारा खुफिया सूचनाओं के आदान प्रदान में सहयोग करना भारत की सुरक्षा के लिये खतरा है

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