Sunday, February 22, 2009

जनता को केन्द्र की असलियत बताना है : शिवराज सिंह चौहान

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने रविवार को पाथाखेडा में जबरन कोयला उठाकर केंद्र सरकार को चेतावनी दी कि यदि कोयला आपूर्ति के हालात नहीं सुधरे तो रत्ती भर कोयला प्रदेश से बाहर नहीं जाने दिया जाएगा। भोपाल से शनिवार सुबह 11 बजे शुरू हुई "न्याय यात्रा" का समापन "कोयला सत्याग्रह" के रूप में रविवार शाम साढे पांच बजे पाथाखेडा में हुआ। इस मौके पर प्रदेश के आधा दर्जन मंत्री सहित भारी संख्या में पार्टी कार्यकर्ता मौजूद थे। इससे पहले इटारसी में मुख्यमंत्री ने कहा कि काटी गई बिजली बहाल करने के लिए मप्र के केन्द्रीय मंत्रियों को पत्र लिखकर मदद की मांग करेंगे।पाथाखेडा पहंुचते-पहुंचते सीएम के सुर बदल गए। पहले उन्होंने कहा कि "न्याय यात्रा" के जरिए जनता को केन्द्र की असलियत बताना है कि मप्र का कोयला उसे ही नहीं मिल रहा। शाहपुर में उन्होंने चेतावनी दी कि यदि सुनवाई नहीं हुई तो कोयला प्रदेश से बाहर नहीं जाने देंगे। भोपाल से पाथाखेडा का सफर साढे तीन घण्टे का है पर मुख्यमंत्री ने इसे 30 घण्टे में पूरा किया। मुख्यमंत्री पाथाखेडा स्टेडियम तक कार से गए। वहां से करीब दो किमी का सफर उन्होंने पैदल पूरा किया। न्याय यात्रा सारणी होकर पाथाखेडा जानी थी, लेकिन ऎन मौके पर रास्ता बदलकर सीधे पाथाखेडा किया गया। "कोल माइन्स के आसपास 18 वर्ष से कम उम्र के बच्चों का प्रवेश वर्जित है। अन्य लोगों को अनुमति के बाद आने दिया जाता है। न्याय यात्रा में मुख्यमंत्री की पत्नी साधना सिंह भी साथ थीं। मंत्रियों का भी भरपूर सहयोग था। वित्त मंत्री राघवजी इटारसी में न्याय यात्रा में शामिल हुए, जबकि गोपाल भार्गव, अनूप मिश्रा, जगदीश देवडा, नागेन्द्र सिंह ने शाहपुर में भागीदारी की। इनके अलावा कृषि मंत्री डॉ. रामकृष्ण कुसमारिया और राज्य मंत्री हरिशंकर खटीक भी शामिल हुए। पाथाखेडा में शिक्षा मंत्री अर्चना चिटनीस भी कोयला सत्याग्रह में शामिल हुर्ई।

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