Monday, February 16, 2009

कल्याण मुद्दे पर नरम पड़ी कांग्रेस

सपा के साथ समझौते को लेकर चल रही उहापोह के बीच कांग्रेस ने कल्याण सिंह मुद्दे पर नरम रूख अख्तियार कर लिया है। पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव एवं उत्तर प्रदेश के प्रभारी दिग्विजय सिंह ने कल्याण सिंह मुद्दे को सपा का आंतरिक मामला बताया है और कहा कि इससे चुनावी गठबन्धन पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा, साथ में उन्होंने यह भी कहा कि समझौता नए परिसीमन के आधार पर होना चाहिए न कि 2004 की जीती हुई सीटों के आधार पर। परिसीमन में तमाम क्षेत्र इधर से उधर हो गए हैं इसलिए पिछली जीत को आधार मानने का औचित्य नहीं बनता।सोमवार को दिग्विजय सिंह ने कहा कि सपा से बात चल रही है। उम्मीद है समझौता जल्दी हो जाएगा। जहां तक कल्याण की बात है हमारी दिक्कत वह नहीं हैं। दिक्कत सिर्फ उन जगहों पर है जहां हमारा व सपा का उम्मीदवार दोनों मजबूत है तथा दोनों दावेदार हैं। ऐसी सात-आठ सीटें हैं। इन पर `फ्रेंडली फाइट' का प्रयास चल रहा है। उन्होंने इस बात को स्वीकार किया सपा धर्मनिरपेक्ष पार्टी है। साम्प्रदायिक शक्तियों को रोकने में इसकी अहम भूमिका रही है। कांग्रेस भी एक प्रतिष्ठित पार्टी है। वह सपा से समझौता तो चाहती है किन्तु सम्मान बेचकर नहीं। समझौता सम्मान के साथ होगा। इसलिए सपा ने जिन सीटों पर उम्मीदवार घोषित किए हैं उसमें परिवर्तन करने जा रही है। हमने सभी 80 सीटों पर फिर से आकलन करने का उनसे अनुरोध किया है। दिग्गी राजा ने भाजपा पर जमकर हमला किया। उन्होंने कहा बसपा व भाजपा का अन्दर से समझौता है। चुनाव बाद दोनों उसी तरह मिलेंगे, जैसे तीन बार पहले मिल चुके हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा-बसपा में समझौते का सबसे बड़ा उदाहरण यह है कि बसपा ने वाराणसी से माफिया मुख्तार अंसारी को टिकट दे दिया है। इससे भाजपा के मुरली मनोहर जोशी आसानी से जीत जायेंगे। कांग्रेस नेता ने याद दिलाया कि मायावती वही नेता हैं जिन्होंने गुजरात जाकर भाजपा के नरेन्द्र मोदी का चुनाव प्रचार किया था। इसको मुसलमान भूल नहीं सकते।

No comments: