Tuesday, February 10, 2009

अमर सिंह की गालियों से कांग्रेस को राहत

अमर सिंह ने कांग्रेस से नाता तोड़ने का फैसला पहले ही कर लिया था, मुलायम सिंह यादव को इससे सहमत भी करवा लिया था, सिर्फ मौके का इंतजार कर रहे थे।मौका उन्हें सीबीआई ने दे दिया। सीबीआई के पास नेताओं के भ्रष्टाचार की अपार शिकायतें आती रहती हैं और उनमें से सिर्फ कुछ पर प्राथमिक जांच की जाती है। इसके अलावा कई मामलों को संबंधित विभागों के पास भेज दिया जाता है। मुलायम सिंह यादव की आय से अधिक संपत्ति के बारे में शिकायत लगभग डेढ़ साल पहले मिली थी। उस समय कांग्रेस और मायावती के बीच खूब खिचड़ी पक रही थी। इसलिए नीलोत्तमा वर्मा नाम की सीबीआई की एक डीआईजी को तलब किया गया और एक जाने माने वकील ने जो दस्तावेज नीलोत्तमा को दिया वही आखिरकार निर्णायक दस्तावेज बन गया।यह खबर सीबीआई फाइलों में खामोश पड़ी थी लेकिन अचानक स्टार न्यूज पर इसका प्रसारण हुआ। प्रसारण के कुछ ही समय बाद यह भी कह दिया गया कि सीबीआई ने इस संबंध में अभी कोई रिपोर्ट पेश नहीं की है। अगले ही दिन दिल्ली के एक बड़े अखबार में इस संबंध में एक खबर प्रकाशित हुई और अमर सिंह ने हंगामा खड़ा कर दिया।वैसे भी जिस व्यक्ति ने शिकायत की थी वह काफी हद तक अनपढ़ रहा होगा। उसे चीजों के बाजार भाव का भी पता नहीं था। जो कार सात लाख रूपए में आती है उसे सत्तर लाख का बताया गया था और कई ऐसी संपत्तियों और कंपनियों के बारे में विवरण दिया गया था जो अस्तित्व में ही नहीं हैं। इनमें से उत्तर प्रदेश के इटावा जिले की एक द्वीप टाकीज भी है जिसकी स्थापना तब हो चुकी थी जब कांशीराम ने राजनीति करना भी शुरू नहीं किया था।अमर सिंह को जो तकलीफ हुई होगी वह समझ में आती है लेकिन मायावती को सीबीआई के खिलाफ एक नया हथियार मिल गया है क्योंकि वे सीबीआई का कबाड़ा काफी पहले से करना चाहती थी। उनके खिलाफ भी आय से अधिक संपत्ति के मामले में सीबीआई जांच कर रही है। एक बार सर्वोच्च न्यायालय से उन्हें राहत मिल चुकी है।अमर सिंह अगर सीबीआई से नाराज नहीं हैं तो वे खुश दिग्विजय सिंह से भी नहीं है। दिग्विजय सिंह ने भी अब अमर सिंह के साथ अपनी दुश्मनी को औपचारिक बना लिया है। अमर सिंह ने जब सोनिया गांधी और मनमोहन सिंह को भरपेट गालियां दी तो सिर्फ दिग्विजय सिंह ही यह कहने के लिए सामने आए कि अमर सिंह को शालीन भाषा का परिचय देना चाहिए था और अगर वे इसी तरह बोलते रहेंगे तो आखिरकार उनके खिलाफ भी इसी तरह का अभियान शुरू होगा।लेकिन सबसे बड़ी दिक्कत कांग्रेस को उत्तर प्रदेश में आने वाली है। वैसे भी पार्टी की हालत बहुत अच्छी नहीं हैं और अगर यही सिलसिला जारी रहा तो बसपा और समाजवादी पार्टी मिल कर कांग्रेस को अच्छी तरह निपटा देंगे। वैसे कांग्रेस के कई नेताओं को यह भी दावा है कि कल्याण सिंह से संबंध स्थापित कर लेने के बाद समाजवादी पार्टी उनके लिए बोझ ही बन गई थी और अच्छा ही हो रहा है कि खुद समाजवादी पार्टी अपने आपको किसी न किसी बहाने कांग्रेस से दूर करने के उपाय निकाल रही है।दिग्विजय सिंह जो आम तौर पर अर्जुन सिंह का शिष्य होने के नाते बहुत सोच समझ कर बोलते हैं, फिलहाल बहुत गुस्से में हैं। उन्होंने तो यहां तक कह दिया कि मुलायम सिंह यादव ने पूरी जिंदगी लगा कर समाजवादी पार्टी को जिस मुकाम तक पहुंचाया था, अमर सिंह उसे वापस शून्य पर ला कर छोड़ेंगे। लेकिन दिग्विजय सिंह ने यह भी कहा कि यह मुलायम सिंह जी की चिंता का विषय है और उन्हें उम्मीद है कि मुलायम सिंह यादव को इंसानों की अच्छी परख है।

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