प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार लालकृष्ण आडवाणी ने चुनाव मैदान में उतरने से ठीक पहले भाजपा और सहयोगी दलों में जीत का जज्बा जगाने के लिए राजग नेताओं-सांसदों को बुधवार को अपने घर दावत पर बुलाया। लेकिन मीडिया से भेदभाव के आरोप पर उनके घर के बाहर मचे बवाल ने डिनर का जायका बिगाड दिया। भाजपा प्रवक्ता राजीव प्रताप रूडी एवं सचिव प्रभात झा से पत्रकारों ने इस बात पर कडी आपत्ति जताई हमेशा की तरह इस बार भी कुछ चुनिंदा मीडियाकर्मियों को ही अंदर बुलाया गया। इसके बाद सामूहिक फैसले के तहत मीडिया के लोग आडवाणी के घर से चले गए। रूडी के बहुत समझाने के बावजूद पत्रकारों पर इसका असर नहीं हुआ। नेता प्रतिपक्ष के पृथ्वीराज रोड स्थित आवास पर तय समय से मेहमानों का पहुंचना शुरू हो गया लेकिन, कुछ लोगों ने राधा-राजा रेaी के कु“ाीपुडी नृत्य शो के बीत जाने का इंतजार किया और जानबूझकर देर से पहुंचे। भाजपा अध्यक्ष राजनाथ सिंह और महासचिव अरूण जेटली को भी उत्तर प्रदेश की चुनावी चर्चा में व्यस्तता के चलते कुछ देर हुई। गुरूवार को होने वाली केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक के चलते उत्तर प्रदेश के चुनाव प्रभारी कलराज मिश्रा समेत तमाम नेता पहले राजनाथ के घर पर विचार-विमर्श के लिए जुटे। इसके बाद राज्य के संगठन महासचिव जेटली के घर देर तक चर्चा होती रही। यह माना जा रहा है कि गुरूवार को प्रदेश की अधिकांश सीटों के लिए प्रत्याशियों की सूची जारी कर दी जाएगी। जनता दल (यू) अध्यक्ष शरद यादव आडवाणी के घर सबसे पहले पहुंचने वालों में शामिल थे। उनके अलावा शिवसेना के मनोहर जोशी, चंद्रकांत खैरे, अकाली दल बादल के ढींढसा, बीजू जनता दल के बी.के. त्रिपाठी आदि भी नजर आए। शिवसेना सांसदों ने आडवाणी के घर पहुंचकर भाजपा-शिवसेना में दरार संबंधी अटकलों की हवा निकाल दी। अधिकांश लोगों की नजरें रालोद नेता अजित सिंह को खोज रही थीं लेकिन बागपत में पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के चलते वे देर तक नहीं पहुंच सके। राजस्थान प्रदेश अध्यक्ष ओम माथुर खासकर इस दावत के लिए दिल्ली आए जबकि सांसद कैलाश मेघवाल कहीं और से होकर रात्रिभोज में शामिल हुए। आडवाणी और उनके रणनीतिकार चुनावी तैयारी में कोई कसर बाकी नहीं रखना चाहते। अनुमान है कि आडवाणी अबकि बार प्रधानमंत्री नहीं बन पाए तो फिर कभी मौका हाथ नहीं लगेगा। उनके घर पर कोर ग्रुप की अनवरत बैठकों का सिलसिला जारी है जिसमें प्रचार अभियान की दशा-दिशा से लेकर चुनावी मुद्दों और नारों पर भी गहन मंथन हो रहा है।
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