Friday, February 13, 2009

चुनाव होता तो काफी पहले ही प्रधानमंत्री बन गये होते लालू प्रसाद

रेल मंत्री लालू प्रसाद ने आज संकेत दिया पिछले पांच वर्षों तक लगातार लाभ का बजट पेश करने के बाद अब वे रेल मंत्री से अधिक ऊंचे प्रधानमंत्री पद तक पहुंचना चाहते हैं।रेल बजट पेश करने के बाद संसद भवन में आयोजित संवाददाता सम्मेलन के बाद प्रसाद ने कहा कि हमने पांच साल लगातार रेल बजट पेश किया और इस दौरान रेलयात्री किराये में वृद्धि नहीं की। अब हमें रेलमंत्री ही बनाये रखेंगे कोई और बड़ी पदोन्नति ``प्रमोशन'' नहीं देंगे क्या। उन्होंने कोई दूसरा व्यक्ति रेलमंत्री होता वह लगातार लाभ का रेल बजट पेश नहीं कर सकता था, यह काम उन्होंने ही कर दिखाया है।प्रसाद ने सीधे तौर पर प्रधानमंत्री पद का उल्लेख नहीं किया लेकिन कहा कि जिस तरह का राष्ट्रपति पद का चुनाव होता है, अगर वैसे ही प्रधानमंत्री पद का चुनाव होता तो हम काफी पहले ही प्रधानमंत्री बन गये होते। उक्त विचारों से संकेत मिलता है कि लालू प्रसाद अब दोबारा रेलमंत्री नहीं बनना चाहते बल्कि उनका लक्ष्य प्रधानमंत्री बनने का है।रेलमंत्री ने कहा कि केन्द्र की संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन सरकार ने पिछले पांच वर्षों के दौरान लगातार लाभ का बजट पेश किया और इस दौरान एक लाख करोड़ रूपये के लाभ का बजट देने का लक्ष्य रखा था लेकिन पिछले कुछ महीनों में विश्वस्तर पर आर्थिक मंदी के परिणाम स्वरूप इसे हासिल नहीं किया जा सका और रेल मंत्रालय ने 90 हजार करोड़ रूपये के लाभ का बजट दिया है।उन्होंने रेल बजट को चुनावी बजट बताने की विपक्षी नेताओं की आलोचना को खारिज कर दिया और कहा कि यह तो अंतरिम बजट है और इसका चुनाव से कोई लेना देना नहीं है। यादव ने कहा कि रेल यात्रियों की विशेषकर मुंबई में जहां आतंकवादी हमले हुए है वहां यात्रियों की सुरक्षा की दृष्टि से क्लोज सर्किट कैमरे, खोजी कुत्तों की व्यवस्था की जा रही है।उन्होंने कहा कि रेलवे ने सामान्य श्रेणी के यात्रियों के साथ वातानुकूलित यात्री गाड़ियों के किरायों में दो प्रतिशत की कटौती करने का फैसला किया है।यादव ने कहा कि रेलयात्री गाड़ी के दूसरे शयनयान डिब्बों में अतिरिक्त बर्थ देने के पूर्व घोषित फैसले को रद्द कर दिया गया है और इस आशय के निर्देश संबंधित अधिकारियों को दिये गये है। उन्होंने कहा कि पूर्व में रेल विभाग ने यात्री गाड़ियों में साइड बर्थ में एक और अतिरिक्त बर्थ की सुविधा उपलब्ध करा दी लेकिन अनुभव में आया है कि यह सुविधा के बजाय एक सजा है।यादव ने कहा कि मुम्बई में उपनगरीय रेल सेवा स्थानीय जनता के लिये जीवन रेखा है और उसमें करीब 300 से अधिक रेल सेवायें उपलब्ध करायी जायेगी।

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