Saturday, February 28, 2009

सीएमओ पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप

मप्र के कांग्रेस नेताओं ने भाजपा शासित पूर्व नगर पालिका परिषद के अध्यक्ष एवं तत्कालीन सीएमओ पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने इसकी शिकायत लोकायुक्त संगठन को की है। लोकायुक्त ने इस मामले की जांच नगरीय प्रशासन विभाग के माध्यम से शुरू कर दी है। प्राप्त जानकारी के मुताबिक अघिवक्ता रेवाराम पटेल एवं अभय केकरे ने लोकायुक्त को शिकायत कर पूर्व नगर पालिका परिषद के अध्यक्ष सुरेन्द्र जैन तथा तत्कालीन सीएमओ डॉ. आरएम पांडे पर नियमों को ताक पर रखकर काम करते हुए आर्थिक अनियमितताएं बरतने के आरोप लगाए हैं। उनका आरोप है कि जैन और पांडे ने मिलकर अप्रेल 2001 से अगस्त 2006 के बीच शासन की अनुमति के बिना शहर की नजूल भूमि पर मनमाने तरीके से निर्माण कर उसे बेच दिया। इस दौरान नगर निवेश तथा नजूल अघिनियम का खुला उल्लंघन किया गया। 23 बिंदुओं की शिकायत में कांग्रेस नेताओं ने कहा है कि परिषद ने शासकीय भूमि तथा उन पर बने भवनों को पार्षद, नपा कर्मचारियों, उनके रिश्तेदारों को आवंटित कर दिया गया। नारायण टाकीज के समीप कामकाजी महिला आश्रम के लिए शासन द्वारा आवंटित जमीन, विद्युत मंडल कार्यालय, विवेकानंद काम्पलेक्स सहित अन्य बेशकीमती जमीन को औने-पौने दामों पर बेच दिया गया। शहर के अन्नापुरा, कुलहरदा स्कूल एवं काशीबाई कन्यापाठ शाला में अवैध रूप से दुकानों का निर्माण किया गया। इसके चलते स्कूलों की शिक्षण व्यवस्थाओं पर इसका विपरीत असर पडा है। उस दौरान नपा की खरीदी प्रक्रिया भी सवालों के घेरे में है। पटेल एवं केकरे के मुताबिक शहर के विकास को लेकर कराए गए निर्माण कार्यो के ठेके भी भाई-भतीजावाद की भेंट चढ गए। जिसके चलते विकास कार्यो की गुणवत्ता प्रभावित हुई। घंटाघर चौक पर लगी राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की प्रतिमा के ऊपर लगी छतरी की कीमत और निर्माण लागत अभिलेखों में 74 हजार रूपए दर्शाई गई है, जो अतिरंजित है। इसका बाजार मूल्य 5 हजार रूपए या इससे कुछ अघिक हो सकता है। अपने कार्यकाल में जैन और पांडे ने अजनाल नदी के गहरीकरण के लिए 84 लाख रूपए खर्च होना बताया है। नेताद्वय ने इसके अलावा अन्य बिंदुओं पर लोकायुक्त से जांच की मांग की है।

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