Saturday, February 21, 2009

केंद्र सरकार पर बरसे शिवराज

विधानसभा चुनाव में करारी हार के बाद केंद्र में बैठी कांग्रेस की यूपीए सरकार रौनटाई पर उतर आई है। मध्यप्रदेश को पीछे करने के लिए केंद्र सरकार जनता के हितों से खेलने लगी है। गरीबों के राशन से लेकर पानी, बिजली, आवास, शिक्षा के क्षेत्र केंद्र सरकार की मदद नहीं मिल पा रही है।प्रदेश की जनता की सुरक्षा के लिए आतंकवाद निरोधी कानून बनाने की आजतक अनुमति नहीं दी गई। इतना ही नहीं प्रदेश के नक्सल प्रभावित जिलों की सुरक्षा के लिए आवंटन काट दिया गया है। केंद्र ने प्रदेश के चार नक्सल प्रभावित जिलों में तीन के नाम काट दिए हैं। इन जिलों को केंद्र से मिलने वाली सुरक्षा राशि का आवंटन बंद कर दिया गया है। यह बात मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शनिवार को आमसभा को संबोघित करते हुए कही। वे सतरास्ता पर न्याय यात्रा के आगमन पर आयोजित आमसभा को संबोघित कर रहे थे। चौहान ने कहा कि नया मध्यप्रदेश बनाने का संकल्प लेकर आप के सामने आया हूं। होशंगाबाद को नर्मदापुरम् बनाने के लिए केंद्र ने अनुमति नहीं दी। आज मैं वादा करता हूं कि लालकृष्ण आडवाणी के प्रधानमंत्री बनने के साथ ही होशंगाबाद को नर्मदापुरम् घोषित कर दिया जाएगा। चौहान ने प्रदेश के साथ केंद्र सरकार द्वारा की जा रही आठ बेईमानियों को विस्तार से बताया। कंाग्रेस सरकार के कार्यकाल में प्रदेश में एक बार ही गरीबी रेखा की सूची बनाई जाती थी। भाजपा सरकार ने नियमों को शिथिल कर प्रदेश के हर गरीब का नाम सूची में दर्ज कराया। आज प्रदेश में 61 लाख गरीब परिवार हैं। केंद्र सरकार से गरीबों के लिए राशन मांगा, तो उसने हमें 40 लाख परिवारों का राशन दिया। प्रदेश में 37 लाख आवासहीन गरीबों को मकान देने के लिए आवंटन देने की मांग की गई। इसमें भी केंद्र सरकार ने मात्र 46 हजार मकानों की राशि दी। आज भी प्रदेश में लाखों गरीब आवासहीन हैं। केंद्र सरकार केरल राज्य के बराबर मध्यप्रदेश को आवास कुटी दे रही है, जबकि मध्यप्रदेश और केरल की जनसंख्या में जमीन आसमान का अंतर है।सभा में जिले के प्रभारी मंत्री राघव जी ने कहा कि प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह देश की व्यवस्थाओं को ताक में रखकर काम कर रहे हैं। प्रदेश से गुजरने वाले हाई-वे के रख-रखाव के लिए केंद्र सरकार को 40 प्रतिशत राशि देना चाहिए, जो नहीं मिलती है। इतना ही नहीं रेलमंत्री लालू प्रसाद ने बिहार के लिए 12 नई टे्रनें चलाई, लेकिन मध्यप्रदेश के लिए मात्र दो नई टे्रनें दी गई।

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