Tuesday, February 17, 2009

प्रणवजी यदि नहीं होते तो यह सरकार क्या करती

संप्रग सरकार के संकट मोचक प्रणव मुखर्जी पर आज विपक्ष के नेता लालकृष्ण आडवाणी के मुखारविन्दु से पुष्पवर्षा हुई। लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा में हिस्सा लेने के दौरान आडवाणी ने विदेश मंत्री की तारीफ में कसीदे काढ़ते हुए कहा, मैं कभी- कभी सोचता हूं कि प्रणवजी यदि नहीं होते तो यह सरकार क्या करती। इसपर मुखर्जी ने अपने दोनों हाथ जोड़कर उसे माथे तक ले जाकर मुस्कुराते हुए दो बार अभिवादन किया।उन्होंने कहा कि 25 साल पहले उन्होंने (मुखर्जी ने) बजट पेश किया था और कल फिर उन्होंने ऐसा किया क्योंकि संकट की स्थिति है। आडवाणी ने कहा कि राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद का यह पहला प्रस्ताव है जब प्रधानमंत्री उपस्थित नहीं हैं। उन्होंने कहा, मेरी कामना है कि वह शीघ स्वस्थ होकर संसद की कार्यवाही में भाग ले सकें।पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई की चर्चा करते हुए विपक्ष के नेता ने कहा, मेरे अपने नेता पूर्व प्रधानमंत्री भी स्वस्थ नहीं हैं। मैं समझता हूं कि आपकी भी यह कामना होगी कि वह स्वस्थ होकर सदन में आ सकें। इससे पहले सदन के भोजनावकाश के लिए स्थगित होने पर मुखर्जी स्वयं विपक्षी खेमे में आडवाणी के पास गए और काफी देर तक दोनों के बीच गुफ्तगू होती रही। दोनों नेता बंद गले का नीला सूट पहने आपस में काफी देर बात करते रहे। यहां तक कि सदन के पूरी तरह सदस्यों से खाली हो जाने तक उनकी चर्चा चलती रही। भोजनावकाश की घोषणा के बाद पत्रकार दीर्घा में बैठे मीडियाकर्मी भी बाहर जाने लगे लेकिन सदन और विपक्ष के नेता को आपस में बात करते देख वे भी बहुत जिज्ञासा से उनके जाने तक डटे रहे।

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