Saturday, February 21, 2009

मंत्री ने दंगों को भड़काया''

गुजरात सरकार ने उच्च न्यायालय में हलफनामा दायर कर कहा है कि नरोदा में दंगे को अंजाम देने के लिए राज्य सरकार की मंत्री माया कोडनानी ने उग्र भीड़ का नेतृत्व किया, उन्हें भड़काया और हथियार बांटे। वर्ष 2002 में हुए इस दंगे में 95 लोग मारे गए थे।यह हलफनामा उच्चतम न्यायालय की ओर से नियुक्त विशेष जांच दल (एसआईटी) के निष्कर्षों के आधार पर गुरूवार को दायर किया गया। इसमें निचली अदालत की ओर से कोडनानी को दी गई अग्रिम जमानत को चुनौती दी गई थी।हलफनामे में कहा गया है, माया कोडनानी तब विधायक थीं और उग्र भीड़ का नेतृत्व कर रही थीं। उनके खिलाफ आरोप है कि वह उग्र भीड़ को अपराध के लिए उकसा रही थीं और इसलिए वह मुख्य भूमिका निभा रही थीं। हलफनामा के मुताबिक एक पीड़ित के बयान से इस बात का खुलासा हुआ है कि उन्होंने अपने पिस्तौल से गोली भी चलाई थी। एक अन्य बयान से खुलासा हुआ कि वह घटनास्थल पर अन्य लोगों के साथ कार से आई थीं और लोगों के बीच उन्होंने तलवारें बांटी थीं।कोडनानी गुजरात में उच्च शिक्षा राज्य मंत्री हैं और विधानसभा के मौजूदा सत्र में नियमित रूप से हिस्सा ले रही हैं। कोडनानी उस वक्त भूमिगत हो गई थीं, जब एसआईटी ने उन्हें भगोड़ा घोषित कर दिया था। वह दोबारा तभी सामने आईं जब निचली अदालत ने उन्हें अग्रिम जमानत दे दी।

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