Friday, February 20, 2009

कांग्रेसी विधायकों का निलम्बन रद्द

गांधीनगर में राज्यपाल के अभिभाषण के समय विधानसभा में प्रदर्शन करने के आरोप में निलम्बित 16 कांग्रेसी विधायकों का निलम्बन शुक्रवार को सदन शुरू होने से पूर्व रद्द कर दिया गया। विधानसभा अध्यक्ष अशोक भट्ट की मध्यस्थता से गुरूवार शाम सत्तापक्ष एवं विपक्ष के बीच चर्चा हुई थी। बातचीत के जरिए सत्तापक्ष-विपक्ष ने गिले-शिकवे दूर कर लिए। शुक्रवार को सदन की कार्यवाही शुरू होने से पहले विधानसभा अध्यक्ष ने कांग्रेसी विधायकों का निलंबन रद्द करने की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि सदन की गरिमा तभी बनी रहती है, जब सत्तापक्ष एवं विपक्ष मौजूद रहते हैं। सदन की गरिमा को बनाए रखना जरूरी है। राज्यपाल के अभिभाषण के दौरान कांग्रेसी विधायकों की तरफ से जो भी हुआ उस पर प्रतिपक्ष के नेता शक्तिसिंह गोहिल ने खेद जताया। उन्होंने कहा कि विपक्ष राज्यपाल का काफी सम्मान करता है। उनको नजरअंदाज करने की साथी सदस्यों की कोई भी मंशा नहीं थी। निलंबन रद्द होने के बाद शुक्रवार को सदन में सभी कांग्रेसी विधायक मौजूद रहे। बाद में कांग्रेसी विधायकों का निलंबन रद्द करने का प्रस्ताव सदन पटल पर रखा। संसदीय मामलों के राज्य मंत्री अमित शाह ने इसका समर्थन किया, जिसके बाद सदन ने ध्वनिमत से पारित किया। गत मंगलवार को विधानसभा सत्र का प्रारंभ राज्यपाल नवलकिशोर शर्मा के अभिभाषण के साथ हुआ था, लेकिन अभिभाषण प्रारंभ होते ही कांग्रेसी विधायक अपनी सीट से खडे हो गए। कई मुद्दों को लेकर हाथों में बैनर लेकर नारेबाजी करने लगे। प्रदर्शन के चलते राज्यपाल अपना अभिभाषण भी पूरा नहीं कर सके। इसके बाद सदन की कार्यवाही स्थगित करनी पडी थी। बुधवार को हंगामा व प्रदर्शन करने वाले 16 विधायकों को निलंबित कर दिया गया था।

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