प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह लोकसभा में प्रतिपक्ष के नेता लालकृष्ण आडवाणी को अभी भी बख्शने के मूड में नहीं दिखते हैं। बुधवार को एडिटर्स गिल्ड ऑफ इण्डिया के सदस्यों को सम्बोधित करते हुए उन्होंने कहा कि भाजपा नेता आडवाणी के खिलाफ मैंने जो टिप्पणियां की हैं, वे जायज हैं। मैंने अब तक जो कुछ भी कहा है वह सोच-समझकर कहा है और सच भी है। उधर कुछ दिन पहले वाम दलों को इतिहास का पाठ पढाकर फटकार लगाने वाले प्रधानमंत्री सिंह को अब अचानक उनकी जरूरत का एहसास हो गया है। प्रधानमंत्री ने संकेत दिए हैं कि आम चुनाव के बाद कांग्रेस और वाम दल फिर से हाथ मिला सकते हैं। सिंह का कहना था मुझे इसका दु:ख है कि वाम दलों ने कांग्रेस से नाता तोडा। उल्लेखनीय है कि भारत-अमरीकी परमाणु समझौते के मुद्दे पर वाम पंथी दलों ने संप्रग सरकार से सम्बन्ध तोड लिए थे।
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