Tuesday, April 14, 2009

आतंकवाद के मुद्दे पर भाजपा नेता लालकृष्ण आडवाणी को जमकर खरी-खोटी

प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का समर्थन करते हुए कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने शनिवार को आतंकवाद के मुद्दे पर भाजपा नेता लालकृष्ण आडवाणी को जमकर खरी-खोटी सुनाई। सोनिया ने बिहार के जमुई में एक चुनावी सभा में कहा कि राजग के पास कोई मुद्दा नहीं है।यही कारण है कि उसके नेता बिना किसी मुद्दे के केवल प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को घेरने का प्रयास कर रहे हैं। सोनिया ने कहा कि आडवाणी जब गृहमंत्री व उप-प्रधानमंत्री थे तो उन्होंने जेल में बंद एक आतंककारी को छोड दिया। सोनिया ने मनमोहन को काबिल प्रधानमंत्री बताते हुए कहा कि मुम्बई हमले के बाद उनके कूटनीतिक प्रयास की वजह से पाक को मानना पडा कि हमलावर आतंककारी उसके ही थे। कांग्रेस ही एक ऎसी पार्टी है जिसके दो नेता लडाई लडते-लडते आतंकवाद की भेंट चढ गए।
मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी ने प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह और यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी पर करारे प्रहार करना जारी रखा है और कंधार का जवाब चरार-ए-शरीफ तथा महबूब मुफ्ती का मुद्दा उठा कर दिया है।मोदी ने मंगलवार को गुजरात में अपने चुनाव प्रचार अभियान की शुरूआत करते हुए करीब आधा दर्जन सभाओं में चरार-ए-शरीफ पर आतंकी हमला और महबूब मुफ्ती अपहरण मामले को उठाया। मोदी ने कहा कि वाजपेयी सरकार ने तो विमान में सवार भारतीय नागरिकों की जान बचाने के लिए आतंकियों को मुक्त किया था, लेकिन चरार-ए-शरीफ दरगाह में तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने क्यों घुटने टेके थे, जबकि दरगाह में एक भी भारतीय नागरिक नहीं था।नरसिंह राव सरकार के समय वर्तमान प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह वित्त मंत्री थे। उस समय चरार-ए-शरीफ दरगाह में पांच आतंककारी घुसे थे। वहां कमांडो कार्रवाई करने की बजाए तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने आतंकियों की सात दिनों तक सेवा की और रातों-रात उन्हें पाकिस्तान सीमा पर छोड दिया गया। मुफ्ती मोहम्मद सईद की पुत्री रूबैया को आतंकियों के चंगुल से छुडाने के लिए फांसी के अपराधी मकबूल बट सहित आठ आतंककारियों को पाकिस्तान सीमा तक छोडा गया।

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