बढती गर्मी के साथ कांग्रेस के बडे नेताओं ने भी राजनीतिक पारा गर्मा दिया है। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और महासचिव राहुल गांधी जहां अभी तक अकेले ही माहौल को गरमाने में लगे हुए थे, वहीं अब इसमें वरिष्ठ नेता प्रणव मुखर्जी और दिग्विजय सिंह भी कूद पडे हैं। मुखर्जी ने लालू यादव को सीधे निशाने पर ले कर जता दिया है कि कांग्रेस अब दबाव में नहीं आएगी। यही नहीं महासचिव दिग्विजय सिंह ने जाने -अनजाने में ही सही बसपा प्रमुख मायावती के साथ सपा को भी एक प्रकार से संकेत दे दिए हैं कि कांग्रेस अब पहले वाली नहीं रह गई। जानकार मान रहे हैं कि कांग्रेस बिहार व उत्तर प्रदेश को लेकर इन चुनावों के साथ भविष्य की रणनीति को भी अंजाम देने में लगी है। दोनों नेताओं ने बिहार व उत्तर प्रदेश में जा कर जो कुछ कहा उसे पार्टी की रणनीति का ही हिस्सा माना जा रहा है। आने वाले दिनों में राजद के साथ सपा को भी कांग्रेस निशाने पर ले सकती है। उत्तर प्रदेश व बिहार ऎसे प्रदेश हैं जहां पर कांग्रेस एक दशक से अपना जनाधार तलाशने में लगी है। इससे पूर्व जितने भी चुनाव हुए कांग्रेस को कोई विशेष सफलता नहीं मिल पाई।पहली बार कांग्रेस उम्मीद कर रही है कि दोनों प्रदेशों में सीट बढेंगी चाहे वे एक या दो ही बढें। साथ ही मतों के प्रतिशत में भी बदलाव आएगा। कांग्रेस मान रही है कि उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी हो या बिहार में राजद दोनों के पास विकल्प कम हैं। ले दे कर कांग्रेस की शरण में आना ही पडेगा।उत्तर प्रदेश में दिग्विजय सिंह ने सीबीआई को लेकर जो कुछ बोला उसके कई मायने निकाले जा रहे हैं। यह कह कर उनके पास सीबीआई है मायावती को तो चेताया ही, सपा को भी इशारों में समझा दिया। दोनों के मामले सीबीआई के पास विचाराधीन हैं। बाद में भले ही सिंह बयान से पलट गए। फिलहाल तो उनका काम तो हो ही गया। इस बीच बिहार में प्रणव मुखर्जी ने लालू यादव की बोलती बंद करने की कोशिश की है। उन्होंने साफ कर दिया कि उन्हें अब सरकार में नहीं लेंगे। लालू बिहार पहुंचकर पिछले दो तीन दिनों से विपक्ष को निशाने पर लेने के बजाए कांग्रेस को कोसने में लगे थे। कभी बाबरी मस्जिद का मामला तो कभी प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को लेकर सवाल उठाने में लगे थे। मुखर्जी ने मंगलवार को समस्तीपुर में सवालों का ऎसा जवाब दिया है जिसका असर निश्चित तौर पर लालू पर पडेगा।जानकार मान रहे हैं कि मुखर्जी ने रणनीति के तहत ही लालू पर निशाना साधा। लालू को लेकर इस बार बिहार से अच्छी रिपोर्ट नहीं आ रही है। कांग्रेस ने यही मौका देख फिलहाल अपने कार्यकर्ताओ में नया जोश भरने का काम किया है।
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