वरिष्ठ भाजपा नेता और प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार लालकृष्ण आडवाणी ने शुक्रवार को अंदेशा जताया कि विदेशी बैंकों में जमा काले धन का इस्तेमाल आतंकवाद को बढावा देने में किया जा सकता है। उन्होंने इन बैंकों में जमा करीब 140 खरब रूपए की राशि को सत्ता में आने के 100 दिन के भीतर वापस लेने का वादा किया।उन्होंने कहा कि काले धन को भारत लाने में कोई कसर नहीं छोडी जाएगी। भाजपा की टास्क फोर्स इस पूरे मामले के पहलुओं की जांच कर रही है। आडवाणी ने कहा कि इस मसले पर आम सहमति कायम किए जाने की जरूरत है। उनके मुताबिक इन गुप्त भारतीय खातों में जमा रकम को वापस लाने के सरकारी प्रयास तेज होना चाहिएं। भाजपा नेता ने टास्क फोर्स की इस बात से सहमति जताई कि देश को काला धन वापस लाने के लिए कर बचाने के स्वर्ग बने देशों को लक्ष्य बनाना होगा। काले धन की वापसी से भारत को आर्थिक मंदी का मुकाबला करने में मदद मिलेगी। कुछ पश्चिमी देश भी ऎसा ही रहे हैं। काले धन पर भाजपा के टास्क फोर्स की अंतरिम रिपोर्ट जारी करते हुए आडवाणी ने कहा कि हमारे टास्क फोर्स ने अपनी अंतरिम रिपोर्ट सौंप दी है। इसके मुताबिक न सिर्फ स्विस बैंक, बल्कि ऎसे कुल 70 अन्य टैक्स हैवन (कररहित क्षेत्र) या बैंक हैं, जहां यह रकम छिपाकर रखी गई है। ऎसी रकम आतंकवाद की जडें मजबूत करने में खर्च हो सकती है। उन्होंने कहा कि हमारे टास्क फोर्स के एक अनुमान के मुताबिक विदेशी बैंकों में भारतीयों के 25 लाख करोड से लेकर 70 लाख करोड तक जमा हैं।
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